डिंडौरी: मध्य प्रदेश में चावल घोटाले ने सभी को हैरान कर दिया है. वहीं अब डिंडौरी में मुर्दों को भी राज्य सरकार की तरफ से मुफ्त में राशन बांटने का मामला प्रकाश में आया है. सरकारी योजना के तहत मिलने वाले राशन की पात्रता पर्ची में कई ऐसे नाम दर्ज़ हैं जिनकी मौत कई वर्षों पूर्व हो चुकी है.
मृतकों के साथ ही हजारों रुपये का वेतन पाने वाले सरकारी कर्मचारियों एवं रईस लोगों के नाम से भी बकायदा BPL राशन कार्ड बना हुआ है जिन्हें प्रति माह सरकारी राशन दुकान से सस्ते दामों में राशन प्रदान किया जाता है जबकि जरूरतमंद गरीब पात्र लोगों को सरकारी योजना के तहत अन्न का दाना भी नहीं मिल पा रहा है. ग्रामीणों ने इस बात की शिकायत जिले के जिम्मेदार अधिकारियों से भी की है, किन्तु अब तक इस मामले को लेकर अधिकारीयों की नींद नहीं खुली है.
मामला समनापुर जनपद के कुकर्रामठ एवं खाम्हा ग्रामपंचायत से सामने आया है, जहां एक दो नहीं बल्कि दर्जनों मरे हुए लोगों के नाम राशन की पात्रता पर्ची में अंकित है. वहीं खाम्हा ग्रामपंचायत में सरकारी शिक्षक तुलसीराम और विष्णु सिंह विगत 20 वर्षों से सरकारी योजना के तहत राशन ले रहे हैं. यही नहीं राशन दुकान संचालक मुरली सिंह ने तो खुद अपने नाम से राशन कार्ड बना रखा है.
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