रतलाम: मध्यप्रदेश में बस संचालकों ने अपनी कई तरह की मांगों को लेकर विगत पांच महीनों से बसों का संचालन बंद कर रखा है, न तो शासन ने बसों को चलाने में दिलचस्पी दिखाई है और ना ही बस मालिकों ने। बस संचालकों का कहना है कि जब तक शासन हमारी मांगे पूरी नहीं करता और टेक्स माफ नहीं करता तब तक हम बस नहीं चलाएंगे।
गौरतलब है कि रेल और सड़क परिवहन बंद होने से नागरिकों को काफी समस्या हो रही है। प्रदेश शासन ने जिला बंदी हटा दी है, जो कोरोना महामारी के मद्देनज़र लागू की थी। त्यौहार के दिनों में भी लोग आसपास के जिलों में भी अपने सगे-सम्बन्धियों के घर नहीं जा पाए। कई लोग बाइक से गए उन्हें दिक्कतों का सामना करना पड़ा और कई स्थानों पर हादसे भी हुए। बसें बंद होने से शहरों का और ग्रामीण इलाकों का संपर्क भी टूट गया है, जिसका सीधा असर व्यापार व्यवसाय पर भी पड़ा है और इकॉनमी भी चोपट हो रही है, क्योंकि व्यापार व्यवसाय नहीं होगा तो इकॉनमी पर प्रभाव पढ़ना ही है।
शासन को चाहिए कि वह बस मालिकों और शासन के बीच जो मतभेद या जो विवाद है उसका तत्काल प्रभाव से समाधान करे, ताकि रेल परिवहन बंद होने से परेशान हो रहे यात्रियों को थोडी राहत मिल सके। शासन को भी अपनी हटधर्मिता छोडऩा होगी और बस मालिकों को भी मौजूदा संकटकाल में सहयोग करते हुए ऐसा रास्ता निकालना होगा ताकि बसे चले और आम जनता को हो रही समस्या से राहत मिल सके।
पाक संसद के निचले सदन में FTF के 4 विधेयक हुए लागू
H-1B वीजा धारकों के लिए बड़ी खबर, ट्रम्प ने जारी की कुछ नई शर्तें
लंदन में बढ़ी कोरोना की मार, एक दिन में 77 लोगों ने गवाई अपनी जान