भोपाल: ग्वालियर-चंबल संभाग के 16 विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव प्रस्तावित हैं, जहां एक तरह से कांग्रेस की सीधी टक्कर भाजपा में शामिल हो चुके ज्योतिरादित्य सिंधिया से होने वाली है। ग्वालियर- चंबल संभाग सिंधिया का किला माना जाता है और उनके प्रभाव को कम करने के लिए कांग्रेस कई तरीके अपना रही है। यही कारण है कि सिंधिया के धुर विरोधी माने जाने वाले पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह की टीम के मुख्य सदस्य पूर्व मंत्री डॉ. गोविंद सिंह, कंप्यूटर बाबा, MLA जयवर्धन सिंह जैसे नेता इस अंचल में एक्टिव हो चुके हैं।
यहाँ तक की दिग्विजय सिंह इस क्षेत्र में एक दौरा भी कर चुके हैं। ग्वालियर-चंबल संभाग में अब तक इस क्षेत्र में कांग्रेस की पहचान ज्योतिरादित्य सिंधिया या उनके पिता स्व. माधवराव सिंधिया से थी। यहां कांग्रेस के लिए संगठन में नियुक्तियों से लेकर स्थानीय निकाय, विधानसभा व लोकसभा चुनाव में टिकट का अंतिम निर्णय सिंधिया पिता-पुत्र ही लेते थे, लिहाजा ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में जाने के बाद कांग्रेस के प्रति निष्ठवान लोगों की पहचान करने में नेताओं को महीनों लग गए।
उपचुनाव के लिए ग्वालियर-चंबल संभाग में पूर्व मंत्रियों को विधानसभा क्षेत्रों का प्रभारी नियुक्त कर स्थानीय नेताओं के साथ जिम्मेदारी सौंपी गई थी। अब तक 16 विधानसभा क्षेत्रों में पूर्व सीएम कमल नाथ ने अपनी टीम को लगा रखा था, जिसमें पूर्व मंत्रियों के साथ कुछ मप्र कांग्रेस समिति के पदाधिकारी भी थे। कांग्रेस के दिग्गज नेता केके मिश्रा को कमल नाथ ने वहां कुछ महीने पहले भेजा है, जिन्होंने वहीं पर अपना वॉर रूम बना लिया है।
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