मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार गिरने के बाद अब कांग्रेस में ठीकरा किस पर फोड़ा जाए, इसे लेकर नेता एक-दूसरे पर निशाना साधने में लगे हुए है. इसके लिए कुछ विधायक ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके साथ गए विधायकों से ज्यादा जिम्मेदार पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ व दिग्विजय सिंह सहित कुछ मंत्रियों को मानते हैं, लेकिन वे खुलकर इस बारें में बोलने से बच रहे हैं.
दूसरी तरफ, राजनीतिक घटनाक्रम के बाद दिग्विजय और कमल नाथ के सरकार में रहते अच्छे संबंध थे, अब उनमें भी अंतर महसूस किया जा रहा है. शुक्रवार को मीडिया से चर्चा में कमल नाथ ने जो कहा और वह जिस तरह प्रचारित हुआ, फिर देर रात कमल नाथ का स्पष्टीकरण जारी होने से असंतोष की चर्चाओं पर भी मुहर लग गई है. ये भी माना जा रहा है कि मध्य प्रदेश कांग्रेस में अब सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है.
हालांकि कमल नाथ ने मीडिया से अनौपचारिक चर्चा में कहा था कि दिग्विजय सिंह ने भरोसा दिया था कि ज्यादातर असंतुष्ट विधायक लौट आएंगे. उन्होंने इस पर भरोसा किया. दरअसल विवाद बढ़ने पर कमल नाथ ने इसे गलत ढंग से समझा गया बयान बताया. कांग्रेस सरकार को गिरे सवा महीना हो गया है. माना जा रहा है कि सरकार गिरने के कारणों पर अब हाईकमान ने मंथन शुरू कर दिया है और प्रभारी महासचिव बदले जाने से इसके संकेत दिए जा चुके हैं. हालत यह है कि अब कमल नाथ को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष व नेता प्रतिपक्ष में से कोई एक पद दिए जाने की चर्चा होने लगी है.
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