भोपाल: मध्य प्रदेश की उज्जैन से एक चौकाने वाली खबर आई है। जी दरअसल यहाँ जेल स्टाफ पर एक दोषी कैदी ने डिजिटल धोखाधड़ी (Digital Fraud) जैसा गलत काम करवाने का आरोप लगाया है। मिली जानकारी के तहत बंदी ने यह आरोप लगाया है कि जेल अधिकारियों ने उसको बड़े लोगों के मोबाइल हैक (Mobile Hack) करने के लिये मजबूर किया। केवल यही नहीं बल्कि उसने यह भी आरोप लगाया है कि उसे आईपीएस अधिकारियों, न्यायाधीशों और राज्य के गृह मंत्री के सचिव सहित विभिन्न बड़े लोगों के मोबाइल फोन हैक करने के लिए मजबूर किया गया।
इस मामले में मिली जानकारी के तहत कैदी की शिकायत पर साइबर सेल में मामला दर्ज किया गया है। वहीं अब साइबर सेल ने इसकी जांच के लिये तीन टीमों का गठन भी कर दिया है। एक मशहूर वेबसाइट की खबर के मुताबिक महाराष्ट्र निवासी अनंत अमर अग्रवाल जालसाजी का दोषी कैदी है। अमर अग्रवाल ने इस संबंध में शिकायत दर्ज करवाई थी और उसकी शिकायत के बाद निचली अदालत ने सुरक्षा आधार पर उसे उज्जैन से भोपाल सेंट्रल जेल में ट्रांसफर कर दिया। अमर अग्रवाल ने यह आरोप लगाया है कि उज्जैन जेल में उसे एक लैपटॉप और इंटरनेट सुविधा दी गई थी। वहीं डार्क नेट से खरीदे गए क्रेडिट कार्ड का उपयोग करके डिजिटल धोखाधड़ी के माध्यम से करोड़ों रुपये की कमाई की गई।
उसने यह भी कहा कि जेल अधिकारियों ने उसे प्रदेश के विभिन्न वीआईपी लोगों के मोबाइल फोन में ‘मैलवेयर’ लोड करने के लिए भी कहा गया। वहीं दूसरी तरफ इस पूरे मामले में साइबर सेल के डीजी योगेश देशमुख ने जानकारी देते हुए कहा कि उन्हें जेल विभाग से शिकायत मिली है। उन्होंने बताया कि कैदी के आरोपों की जांच के लिए एफआईआर दर्ज की गई है। अमर अग्रवाल ने एक महिला जेल अधीक्षक और उप जेल अधीक्षक पर उसे परेशान करने का आरोप लगाया है। उन्होंने यह भी कहा कि कोर्ट ने उसकी शिकायत को जांच के लिए जेल विभाग को भेजा और बाद में वहां से साइबर सेल को भेजा गया है। हालाँकि अब तक साइबल सेल को अमर अग्रवाल के आरोपों का कोई सबूत नहीं मिला है लेकिन साइबर सेल इसकी गहनता से जांच कर रही है।
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