भोपाल: राज्य में विधानसभा चुनावों से पहले भोपाल के निवासियों ने राजनीतिक दलों से 'सामान्य श्रेणी' के लोगों से वोट नहीं मांगने के लिए अपने घरों के बाहर पोस्टर लगाकर जाति आधारित आरक्षण के खिलाफ विरोध दर्ज कराया है. पोस्टर आगे आने वाले चुनावों में लोगों को नोटा (उपरोक्त में से कोई नहीं) विकल्प चुनने का आग्रह करता है. पोस्टर में लिखा है कि, मैं सामान्य श्रेणी से संबंधित हूं, इसलिए तमाम राजनितिक दलों से अनुरोध है कि वोट मांगकर हमे शर्मिंदा न करें, हम अपना वोट नोटा को देंगे.
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उन्होंने सरकार से इस मुद्दे को हल करने और जाति के आधार पर आरक्षण को ख़त्म करने के लिए आग्रह है. एक स्थानीय निवासी ने बताया है कि जाति आधारित आरक्षण से संबंधित मुद्दे को हल करने के लिए सरकार ने जो काम किया है, उसके संबंध में हमें केंद्र और राज्य सरकार दोनों से अधिक उम्मीद थी.
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उन्होंने आगे दावा किया कि सामान्य श्रेणी से संबंधित लोग आरक्षण से सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं, सबसे बुरी तरह प्रभावित हमारे बच्चे हैं, जिन्हें अक्सर स्कूलों, कॉलेजों या नौकरियों में प्रवेश लेने के लिए आरक्षण का सामना करना पड़ता है. इन लोगों (अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति वर्ग) को अक्सर परीक्षा में भी छूट दी जाती है, यह प्रभावित कर रहा है उन लोगों को जो लोग सामान्य पृष्ठभूमि से हैं, यह समय है कि सरकार को इस मुद्दे पर ध्यान देना चाहिए.
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