मध्य प्रदेश में कोरोना के प्रसार को देखते हुए सरकार 15 अप्रैल से गेहूं की खरीदी में सरकार विशेष ऐहतियात बरतने वली है. किसानों को उपार्जन केंद्रों में खरीदी के लाई गई अपनी उपज अंदर लाने से पहले स्वास्थ्य की जांच से गुजरना होगा. केंद्र पर तैनात कर्मचारी किसान का कॉन्टेक्ट लेंस थर्मामीटर से तापमान नापेंगे. उनका तापमान सामान्य रहने पर ही उन्हें अंदर आने को मिलेगा. इसके पहले साबुन से हाथ भी धुलवाए जाएंगे. इतना ही नहीं, केंद्र के अंदर जो कर्मचारी, हम्माल व तुलावटी रहेंगे, उन्हें भी कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए मास्क पहनने के साथ अन्य जरूरी सावधानियां बरतना होंगी .
वहीं प्रदेश सरकार ने प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में हो चुकी गेहूं की कटाई के बाद उपज को लेकर किसानों की चिंता को देखते हुए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 15 अप्रैल से खरीदी शुरू करने का निर्णय लिया है. भोपाल, इंदौर और उज्जैन के शहरी क्षेत्रों के उपार्जन केंद्रों को छोड़कर बाकी सभी जगह खरीदी होगी. कोरोना संक्रमण के कारण शारीरिक रूप से दूरी का विशेष ध्यान रखा जाएगा.
बता दें की सहकारिता विभाग ने सभी प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों को निर्देश दिए हैं कि कॉन्टेक्ट लेंस थर्मामीटर खरीदे जाएं. इससे कर्मचारियों, हम्माल, तुलावटी और किसानों का तापमान मापा जाए, जिससे यह पुख्ता हो सके कि उन्हें बुखार नहीं है. सामान्य तापमान होने पर किसान को उपज लेकर खरीदी केंद्र पर आने दिया जाएगा. इसके साथ ही सैनिटाइजर भी केंद्र पर रखना होगा. साबुन भी पर्याप्त मात्रा में रखे जाएंगे, ताकि हर दो घंटे में हाथ धोए जा सकें. मास्क सबके लिए अनिवार्य होंगे. यदि मास्क नहीं है तो गमछे से पूरा चेहरा ढंका होना चाहिए. काम खत्म होने के बाद खरीदी में लगे कर्मचारी, मजदूर को घर में प्रवेश करने से पहले कपड़े बदलने और नहाने के लिए भी कहा जाएगा.
इंदौर में 8 नए कोरोना पॉजिटिव, संक्रमितों का आंकड़ा पहुंचा 306 पर
कोरोना : विदेशी यात्रियों के खिलाफ योगी सरकार का बड़ा एक्शन, जब्त होगा सबका पासपोर्ट