एमपी सरकार ने ओबीसी आरक्षण को लेकर एक अहम फैसला किया है. सरकार ने आरक्षण 14 से बढ़ाकर 27 फीसदी कर दिया है. हालांकि जबलपुर हाईकोर्ट प्रशासन ने न्यायपालिका में इस संशोधन को लागू करने से इनकार कर दिया है. सरकार द्वारा आर्थिक कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) को दिया जाने वाला 10 फीसदी आरक्षण भी प्रदेश की न्यायपालिका में लागू नहीं होगा.
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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि हाईकोर्ट प्रशासन ने राज्य सरकार को पत्र लिखकर इस संबंध में गजट नोटिफिकेशन जारी करने के लिए कहा है. जबलपुर हाईकोर्ट ने मध्य प्रदेश जिला न्यायालय स्थापना (भर्ती एवं सेवा शर्त) नियम 2016 के तहत एससी को 16 फीसदी, एसटी को 20 फीसदी और ओबीसी को 14 फीसदी आरक्षण देना मंजूर किया है.
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इस मामले को लेकर हाईकोर्ट प्रशासन ने इंदिरा साहनी केस का तर्क दिया है और कहा है कि यदि संशोधित आरक्षण प्रतिशत लागू किया जाता है तो यह सुप्रीम कोर्ट की मंशा के विपरीत होगा. क्योंकि सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस के मुताबिक किसी भी स्थिति में कुल आरक्षण 50 प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिए. बता दें कि उच्च न्यायिक सेवा के लिए बनी हाईकोर्ट की प्रशासनिक समिति ने भी 12 दिसंबर 2019 को हुई बैठक में ओबीसी आरक्षण बढ़ाने से साफ इनकार कर दिया था. इसके बाद 20 जनवरी को हाईकोर्ट की फुल कोर्ट मीटिंग में भी चीफ जस्टिस एके मित्तल सहित सभी जजों ने इस निर्णय को मंजूरी दे दी थी.
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