नई दिल्ली: एक हिंदू महिला पर धर्मांतरण करने के लिए दबाव बनाने की आरोपित कैथोलिक नन को मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने 16 मार्च 2021 को अग्रिम जमानत प्रदान कर दी है। शिकायतकर्ता का कहना था कि नन ने न सिर्फ उस पर धर्म परिवर्तन का दबाव डाला, बल्कि बात न मानने पर उसे नौकरी से भी निकाल दिया।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, आरोपित नन भाग्य छतरपुर जिले के खजुराहो के सेक्रेड हार्ट कॉन्वेंट हाई स्कूल में प्रिंसिपल हैं। स्कूल की पूर्व सहायक लाइब्रेरियन ने आरोप लगाया था कि प्रिंसिपल उनसे ईसाई धर्म अपनाने के दबाव डालती थीं। शिकायत करने वाली हिंदू महिला के अनुसार, उनके पति एक मानसिक विकार से ग्रसित हैं। उनसे कहा गया कि यदि उनका पूरा परिवार ईसाई बन जाता है तो उनके पति को चंगा कर दिया जाएगा। महिला ने कई प्रलोभनों के बाद भी स्कूल प्रिंसिपल की यह बात नहीं स्वीकारी। अंत में उन्हें खराब प्रदर्शन का हवाला देकर नौकरी से निकाल दिया गया।
रिपोर्ट के अनुसार, प्राथमिकी में कहा गया है कि नन ने पीड़िता से कहा था कि ईसाई धर्म के भगवान हिंदू धर्म के भगवान से महान होते हैं। हालांकि, नन के वकील ने सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया है। उन्होंने कहा कि शिकायतकर्ता को नौकरी से निकाल दिया गया था और इसी नाराजगी में उन्होंने शिकायत दर्ज करवाई है। बता दें कि हिंदू महिला की शिकायत के बाद नन के ख़िलाफ़ मध्यप्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम, 2020 की धारा 3 और धारा 5 के तहत केस दर्ज किया गया है। इसी वजह से प्रिंसिपल ने गिरफ्तारी से बचने के लिए अग्रिम जमानत की माँग की थी, जिस पर न्यायमूर्ति श्रीधरन की पीठ ने सुनवाई करते हुए उसे स्वीकार कर लिया।
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