भोपाल: मध्य प्रदेश की राजनीति में भूचाल ला देने वाले हनी ट्रैप कांड में हर दिन नए खुलासे हो रहे हैं। इस हाई-प्रोफाइल हनीट्रैप मामले पर देशभर की निगाहें टिकी हुई हैं। इस मामले की जांच कर रही एसआईटी की टीम लगभग 1000 वीडियो खंगाल रही है। ये सभी वीडियो मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र में फैले इस रैकेट में संलिप्त लोगों के फोन में मौजूद हैं। इस मामले में पुलिस ने एक और बड़ा खुलासा हुआ है।
पुलिस ने बताया है कि इस गिरोह ने ना सिर्फ पैसे वसूले, बल्कि उन प्रभावशाली व्यक्तियों की सहायता से मुख्य सरकारी कॉन्ट्रैक्ट भी हासिल किए, जिनको हनी ट्रैप किया गया। पुलिस ने दावा किया कि गिरोह द्वारा नेताओं और नौकरशाहों समेत लगभग 50 लोगों को हनी ट्रैप किया गया था, जिनमें से 6 को पिछले हफ्ते गिरफ्तार किया गया था। इस गिरोह में शामिल कॉलगर्ल्स वीआईपी लोगों-नेताओं को अपने जाल में फंसाकर उनके साथ शारीरिक संबंध स्थापित करती थीं और फिर उसका वीडियो बना लेती थीं। इसके बाद ब्लैकमेलिंग का खेल शुरू होता था।
इस रैकेट में लड़कियों को पहले फाइव स्टार होटल का ग्लैमर और लग्जरी दिखाई जाती थी और फिर उन्हें नेताओं व अधिकारियों को फंसाने के बदले भरी भरकम रकम दी जाती थी। बताया जा रहा है कि कॉलेज जाने वाली कई लड़कियों ने नेताओं-अफसरों को अपने जाल में फंसकर ब्लैकमेल किया। ये मामला तब उजागर हुआ जब इंदौर नगर निगम के एक इंजीनियर हरभजन सिंह ने इंदौर के पलसिया थाने में एक शिकायत दी। हरभजन सिंह ने बताया कि एक महिला अश्लील वीडियो वायरल करने की धमकी देकर तीन करोड़ रु की मांग कर रही है, जिसके बाद पुलिस ने इस मामले में छानबीन शुरू की।
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