भोपाल: मध्य प्रदेश में सपा-बसपा और निर्दलीय विधायकों के समर्थन से सरकार चला रही कांग्रेस में आयकर विभाग द्वारा विधायकों को जारी किए गए नोटिस से हड़कंप मचा हुआ है. जिन 20 MLA को नोटिस भेजे गए हैं, उनमें नौ विधायकों का सीधे कांग्रेस से संबंध है. लेकिन कांग्रेस की तरफ से सरकार को कोई खतरा न होने की बात कही जा रही है.
उल्लेखनीय है कि प्रदेश की 230 विधायकों वाली विधानसभा में कांग्रेस के पास 114 विधायक हैं और यह आंकड़ा बहुमत से दो कम है. चार निर्दलीय, सपा का एक और बसपा के दो विधायकों के समर्थन से कांग्रेस की कमलनाथ सरकार को समर्थन देने वाले विधायकों का आंकड़ा 121 पहुंचता है. पिछले दिनों कांग्रेस के नौ विधायकों समेत 20 विधायकों को इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने नोटिस जारी किया है. ये नोटिस इन विधायकों को इसलिए जारी किए गए हैं, क्योंकि चुनाव लड़ने के दौरान आमदनी की जो जानकारी उन्होंने दी हैं, वे बीते चुनाव के दौरान दी गई जानकारी से मेल नहीं खाते.
कांग्रेस विधायकों को जब से आयकर विभाग के नोटिस का पता चला है, पार्टी के अंदर कोहराम मचा हुआ है. कांग्रेस के एक दिग्गज नेता का कहना है कि, "आयकर विभाग के नोटिस से सरकार के समक्ष एक चुनौती तो आ ही गई है, क्योंकि सरकार बहुमत की सीमा रेखा पर है. ये नोटिस तो भाजपा के विधायकों को भी भेजे गए हैं, लेकिन कांग्रेस और समर्थन देने वाले कुल विधायकों की तादाद 14 है. यदि दोनों दलों के विधायकों को अदालत अयोग्य घोषित करता है तो कांग्रेस 107 व भाजपा 102 पर सिमट जाएगी."
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