भोपाल: मध्यप्रदेश में एक तरफ कोरोना संकट के बादल छाये हैं तो दूसरी तरफ नए-नए मामले सामने आ रहे हैं। बीते दिनों ही खंडवा कलेक्टर और जनसंपर्क अधिकारी मामले में इंदौर कमिश्नर ने पीआरओ को सेवा बहाल करने के आदेश दिए थे। उनके इस आदेश के बाद जनसंपर्क अधिकारी संघ ने सीएम शिवराज सिंह द्वारा फैसला लेने के बारे में कहा था। अब इन सभी के बीच इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री के पीआरओ और संघ के अध्यक्ष पंकज मित्तल ने एक बयान दिया है। इस बयान में कहा गया है कि, ''खंडवा के पीआरओ बृजेंद्र शर्मा के निलंबन के विरोध में जनसंपर्क अधिकारी संघ ने हड़ताल की थी। जिसके बाद जनसंपर्क अधिकारी को बहाल करने के आदेश जारी हुए है। खंडवा के कलेक्टर अनय द्विवेदी को निलंबित करने की मांग जारी रहेगी जिस पर प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान निर्णय लेंगे।''
आप सभी को बता दें कि बीते रविवार के दिन छुट्टी थी और उसी दिन देर रात इंदौर कमिश्नर डॉ। पवन शर्मा द्वारा पीआरओ बृजेंद्र शर्मा को सस्पेंड किया गया था। इस निलंबन के पीछे की वजह मंत्री के दौरों का कवरेज नहीं करना बताया गया था। उसके बाद यह खबर सामने आई थी कि अधिकार नहीं होने के बावजूद जनसंपर्क अधिकारी बृजेंद्र शर्मा का स्थानांतरण कर दिया गया था। जी दरअसल बीते 22 मई को खंडवा कलेक्टर अनय द्विवेदी ने एडीएम शंकरलाल सिंघाड़े के माध्यम से जनसंपर्क अधिकारी बृजेंद्र शर्मा का ट्रांसफर कर उन्हें संचालनालय के लिए रिलीव कर दिया था।
आपको बता दें कि ऐसा कोई भी अधिकार कलेक्टर के पास नही होता है। यह देखते हुए जब मामला बढ़ने लगा तो कलेक्टर के बचाव में इंदौर कमिश्नर ने कार्रवाई करते हुए जनसंपर्क अधिकारी को निलंबित कर दिया। हालाँकि इसका कोई भी अधिकार कमिश्नर के पास भी नहीं था। जब पूरा मामला सामने आया तो जनसंपर्क अधिकारी संघ में रोष बढ़ गया और वह कलेक्टर और कमिश्नर को बहाल करने की मांग पर हड़ताल पर बैठ गए।
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