भोपाल: मध्य प्रदेश में विधान सभा चुनाव के लिए 28 नवंबर को मतदान होना है, जिसके नतीजे 11 दिसम्बर को घोषित किए जाएंगे. राज्य में लम्बे समय से सत्ता से दूर रही कांग्रेस ने इस बार राम वन गमन पथ का मुद्दा उठाकर मध्य प्रदेश की सत्ता हथियाने का ख्वाब देखा है, साथ ही वो राज्य में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की छवि धूमिल करने के लिए व्यापम घोटाला, डम्पर घोटाला और राफेल घोटाला जैसे मुद्दों को भी बखूभी इस्तेमाल कर रही है. किन्तु जानकारों की मानें तो इन सब के बाद भी कुछ चीज़ें ऐसी हैं जो शिवराज को वापिस तख़्त पर बैठा सकती हैं.
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दरअसल, पिछले विधान सभा चुनावों में कांग्रेस ने सत्ता पाने के लिए अपने घोषणापत्र में कई वादे किए थे, लेकिन शिवराज ने अपने कार्यकाल में उनमे से 2 दर्जन से अधिक वादों को पूरा कर दिया है. हाल ही में आचार संहिता लागू होने से पहले शिवराज ने राज्य में संबल योजना लागू की है, जो की कांग्रेस की कई योजनाओं पर भारी पड़ती नज़र आ रही है. इसके तहत बिजली मात्र 200 रुपए महीना हो गई है, साथ ही शिवराज ने हज़ारों रुपए के बिल को माफ़ भी कर दिया है.
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कांग्रेस ने घोषणापत्र में जो नए जिले गठित करने के लिए आयोग बनाने की बात कही थी, उसपर भी शिवराज ने बाज़ी मार ली, उन्होंने पहले ही निवाड़ी को राज्य का 52वां जिला घोषित कर दिया. साथ ही पुराने अप्रासंगिक कानून में संशोधन कर कांग्रेस से ये मुद्दा भी शिवराज ने छीन लिया. शिवराज की तीर्थ यात्रा योजना से अब तक राज्य के एक लाख से अधिक लोग लाभ उठा चुके हैं. बलराम तालाब योजना के तहत किसानों के लिए कुँए और तालाब बनवाकर किसानों को भी अपने हित में कर लिया है. इस तरह से देखा जाए तो कांग्रेस के द्वारा किए गए वादों में से अधिकांश शिवराज ने पुरे कर दिए हैं, अब अगर कांग्रेस को शिवराज को हराना है तो उसे कोई बड़ा मुद्दा खड़ा करना होगा.
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