भोपाल: मध्य प्रदेश में कैबिनेट का विस्तार भले ही हो गया हो पर विभागों को लेकर अभी भी मामला उलझा हुआ है. जानकारी के अनुसार, ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने पसंद के विधायकों को मंत्री बनाने के बाद, अब मन मुताबिक ही उन्हें विभाग भी देने पर अड़े हुए हैं. इसके लिए फिर से दिल्ली में मंथन शुरू हो गया है.
सिंधिया अपने पसंद के विभाग के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर लगातार दबाव बना रहे हैं. वहीं, सीएम शिवराज सिंह चौहान ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत कई नेताओं से मुलाकात भी की है. हालांकि, विभागों को लेकर अभी तक सहमति नहीं बन पाई है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, विभागों के विभाजन की जिम्मेदारी भी अब मंत्रिमंडल के विस्तार की तरह केंद्रीय नेतृत्व पर ही छोड़ दिया गया है. इसके लिए केंद्रीय नेताओं के साथ दिल्ली में दो दिनों तक मीटिंग्स भी हुईं हैं.
हालांकि, इसके बाद भी यह पक्का नहीं हो सका कि भाजपा और ज्योतिरादित्य सिंधिया के खेमे में कौन सा विभाग जाएगा. सूत्रों के मुताबिक, सीएम शिवराज सिंह चौहान खुद विभागों के विभाजन को लेकर भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात कर चुके हैं. किन्तु विभागों को लेकर सहमति नहीं बन सकी है. सूत्रों की मानें तो सिंधिया 7 कैबिनेट मंत्रियों के लिए अहम विभाग मांग रहे हैं. इसके साथ ही वे 4 राज्यमंत्रियों के लिए विभागों का स्वतंत्र प्रभार भी चाह रहे हैं.
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