भोपाल : कोरोना के चलते सबकी जीवन शैली में बदलाव आया है. वहीं, अब कोरोना से मध्य प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र में सदन की तस्वीर बदली-बदली दिखाई देगी. संक्रमण फैलने के खतरे को देखते हुए 'माननीयों' की मध्य प्रदेश विधानसभा में बैठक व्यवस्था में परिवर्तन किया जाएगा. जुलाई में संभावित मानसून सत्र के लिए विधायकों की उपस्थिति से लेकर दूसरी दीर्घा में बैठक इंतजाम करने या सेंट्रल हॉल को सदन का रूप दिया जा सकता है.
वहीं सत्र की अधिसूचना जारी होने के बाद इन विकल्पों पर फैसला होने की संभावना है. राज्यसभा चुनाव के बाद मध्य प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र जुलाई में होने की संभावना है. कोरोना संक्रमण के वजह से मानसून सत्र के लिए विधानसभा की कार्यवाही में विधायकों की बैठक व्यवस्था के विकल्पों पर चर्चा शुरू हो गई है. विधानसभा का मौजूदा सदन अविभाजित मध्य प्रदेश के 320 विधायकों की संख्या के हिसाब से बना था. विभाजन के बाद 230 विधायक यहां बैठ रहे हैं लेकिन हाल ही में 22 विधायकों के इस्तीफे और दो विधायकों के निधन से 24 सीटें रिक्त हैं. ऐसे में 206 विधायकों की बैठक व्यवस्था में शारीरिक दूरी मापदंड का पालन किया जाना है.
आपको बता दें की अलग-अलग समूह बनाकर उपस्थितिसूत्रों के अनुसार शारीरिक मापदंड के पालन में पहला विकल्प भाजपा, कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी, समाजवादी पार्टी और निर्दलीय विधायकों से चर्चा कर बड़े दलों के माननीयों के अलग-अलग समूह बनाने का है. इसके तहत अलग-अलग दिन एक-एक को सदन की कार्यवाही में हिस्सा लेने पर सहमति बनाई जाएगी.
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