गुवाहाटी: असम के करीमगंज जिले के मनसांगन गांव में 9 अक्टूबर, बुधवार की रात एक सांप्रदायिक घटना सामने आई, जब तीन लोगों ने देवी दुर्गा की मूर्ति को अपवित्र कर दिया। इन आरोपियों की पहचान अब्दुल अहद, सहाबुल अहमद और एक नाबालिग के रूप में हुई है। जानकारी के अनुसार, ये सभी स्थानीय मदरसे के छात्र हैं। घटना उस समय घटी जब बागरगुल सर्वजनिन दुर्गा पूजा समिति के सदस्य देवी दुर्गा की मूर्ति को जुलूस के माध्यम से पंडाल की ओर ले जा रहे थे। इस दौरान, अब्दुल और उसके साथियों ने अपने पास बचे पके हुए चावल को मूर्ति पर फेंककर उसे अपवित्र किया। इस घटना से गांव में तनाव का माहौल बन गया।
सूचना मिलने पर करीमगंज के डीसी प्रदीप कुमार द्विवेदी और एसपी पार्थ प्रतिम दास मौके पर पहुंचे और उन्होंने स्थिति को नियंत्रण में लाने का प्रयास किया। पूजा समिति की मांग पर जिला प्रशासन ने नई मूर्ति की व्यवस्था की, ताकि पूजा की विधि सही तरीके से पूरी हो सके। पुलिस ने तेजी से कार्रवाई करते हुए अब्दुल अहद और सहाबुल अहमद को गिरफ्तार कर लिया और उन्हें न्यायालय में पेश किया गया, जहां उन्हें रिमांड पर भेजा गया। नाबालिग आरोपी को किशोर न्यायालय के अंतर्गत भेजा गया। इस घटना के बाद दुर्गा पूजा के दौरान मूर्तियों और पंडालों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पुलिस प्रशासन ने कदम उठाए हैं।
भाजपा विधायक कमलाख्या डे पुरकायस्थ ने भी इस घटना का जायजा लेने के लिए मनसांगन गांव का दौरा किया। उन्होंने बागरगुल सर्वजनिन दुर्गा पूजा समिति को आर्थिक सहायता के रूप में 10,000 रुपये प्रदान किए। करीमगंज जिले में सांप्रदायिक घटनाएं पहले भी हुई हैं। पिछले वर्ष सितंबर में, रताबारी के बरमन बस्ती गांव में एक 200 साल पुराने शिव-नारायण मंदिर को अज्ञात अपराधियों ने आग के हवाले कर दिया था। यह इलाका रताबाड़ी पुलिस के अधिकार क्षेत्र में आता है। घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय लोग तुरंत मंदिर पहुंचे और उन्होंने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। पुलिस ने जांच के दौरान तीन गैलन ईंधन बरामद किया था। यह घटनाएं यह दर्शाती हैं कि इलाके में सांप्रदायिक सौहार्द्र बनाए रखना एक चुनौती बन गया है, और प्रशासन ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठा रहा है।
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