मैगी पर फिर आई मुसीबत

मैगी पर फिर आई मुसीबत
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नई दिल्ली : बच्चों में सबसे ज्यादा लोकप्रिय फ़ास्ट फ़ूड मैगी की गुणवत्ता एक बार फिर सवालों के घेरे में आ गई है. इस बार मामला यूपी के शाहजहांपुर जिला प्रशासन का सामने आया है. जिनके द्वारा की गई कार्रवाई में मैगी लैब जांच में फेल हो गई. इसके बाद नेस्ले इंडिया और इसके वितरकों पर जुर्माना लगाया गया है.

उल्लेखनीय है कि शाहजहांपुर जिला प्रशासन द्वारा गत वर्ष नवंबर में नमूने इकट्ठा किए थे और उन्हें लैब जांच के लिए भेज दिया था. जांच में पाया गया कि मैगी के उन नमूनों में इंसान की खपत के लिए तय सीमा से ज्यादा मात्रा में राख पाई गई. इसके बाद जिला प्रशासन ने नेस्ले पर 45 लाख रुपए, इसके तीन वितरकों पर 15 लाख रुपए और इसके दो विक्रेताओं पर 11 लाख रुपए का जुर्माना लगाया.

जबकि दूसरी ओर नेस्ले इंडिया ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि यह त्रुटिपूर्ण मानकों को प्रयोग में लाने का मामला है. ये नमूने 2015 के हैं और यह मुद्दा नूडल्स में ‘राख की मात्रा’ से जुड़ा है. हालाँकि नेस्ले इंडिया ने कहा कि उसे अब तक आदेश प्राप्त नहीं हुआ है आदेश मिलते ही वह अपील दायर करेगी. बता दें कि इसके पूर्व भी मैगी को अवमानक पाए जाने पर प्रतिबंधित किया गया था.

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