कहते हैं कि महामृत्युंजय मंत्र जपने से अकाल मृत्यु टल जाती है साथ ही आरोग्यता की भी प्राप्ति होती है ऐसे में हर दिन स्नान करते समय शरीर पर लोटे से पानी डालते वक्त इस मंत्र का जप करना चाहिए इससे स्वास्थ्य-लाभ भी होता है. ऐसे में यह भी कहा जाता है कि दूध में निहारते हुए इस मंत्र का जप किया जाए और फिर वह दूध पी लिया जाए तो यौवन की सुरक्षा में भी सहायता मिलती है और साथ ही इस मंत्र का जप करने से बहुत सी बाधाएं दूर होती हैं. ऐसा भी माना जाता है कि महामृत्युंजय मंत्र से शिव पर अभिषेक करने से जीवन में कभी सेहत की समस्या नहीं आती. निम्नलिखित स्थितियों में इस मंत्र का जाप करा जाए तो फायदा होता है.
1) ज्योतिष के अनुसार यदि जन्म, मास, गोचर और दशा, अंतर्दशा, स्थूलदशा आदि में ग्रहपीड़ा होने का योग है.
(2) किसी महारोग से कोई पीड़ित होने पर.
(3) जमीन-जायदाद के बंटवारे की संभावना हो.
4) हैजा-प्लेग आदि महामारी से लोग मर रहे हों.
(5) राज्य या संपदा के जाने का अंदेशा हो.
(6) धन-हानि हो रही हो.
(7) मेलापक में नाड़ीदोष, षडाष्टक आदि आता हो.
(8) राजभय हो.
(9) मन धार्मिक कार्यों से विमुख हो गया हो.
10) राष्ट्र का विभाजन हो गया हो.
(11) मनुष्यों में परस्पर घोर क्लेश हो रहा हो.
(12) त्रिदोषवश रोग हो रहे हों.
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