देवों के देव महादेव का दिन भी जल्दी ही आने वाले है, यानी हम बात कर रहे हैं महाशिवरात्रि की जो कल यानि 24 फरवरी को है। शिवलिंग का अभिषेक हम जल और दूध से करते हैं। कहते हैं शिव जी सिर्फ इतने में ही प्रसन्न हो जाते हैं। शिवरात्रि पर उनका पूजन करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है।
शिवरात्रि, शिवजी की बहतु प्रिय रात्रि में से है क्योंकि इसी दिन इनका विवाह हुआ था। हर साल की फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी को शिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। शिवजी की पूजा सच्चे मन से की जाये तो ही वो प्रसन्न हो जाते हैं। इनकी पूजा के लिए आप सिर्फ जलाभिषेक, बिल्वपत्रों को चढ़ाने और रात्रि भर इनका जागरण से भी शिवजी को प्रसन्न कर सकते हैं।
कई मंदिरों में इस दिन शिवजी की बारात निकाली जाती है और इस त्यौहार को बड़े ही उल्लास के साथ मनाया जाता है। बता दे कि इस बार शिवरात्रि दो दिन आने वाली है जो स्वार्थ सिद्ध एवं सिद्ध योग पड़ने से खास होगा।
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, चतुर्दशी तिथि 24 फरवरी की रात्रि साढ़े नौ बजे प्रारंभ होगी, जो 25 फरवरी को रात्रि सवा नौ बजे तक रहेगी। ऐसे में 25 फरवरी की रात्रि में चतुर्दशी तिथि न होने से 24 फरवरी को महाशिवरात्रि का पर्व शास्त्र सम्मत रहेगा।
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