आप सभी को बता दें कि महाशिवरात्रि को आने में अब कुछ ही समय बचा है. जी हाँ, इस साल महाशिवरात्रि 4 मार्च को है. ऐसे में इस दिन भगवान भोलेनाथ की पूजा-आराधना करना सबसे शुभ माना जाता है और इसी के साथ उनकी आरती और चालीसा शिवाष्टक आदि का पाठ प्रतिदिन करने से लाभ होता है. कहते हैं इन्हे करने से शिव अपने भक्तों से प्रसन्न होकर उन पर अपनी कृपा बरसाते हैं. अब आज हम आपको शिव भगवान की वह आरती बताने जा रहे हैं जिसे महाशिवरात्रि के दिन जरूर पढ़ना चाहिए क्योंकि इससे महालाभ होता है. कहते हैं भगवान महादेव की इस आरती से मनुष्य को संपूर्ण गृहस्थ सुख प्राप्त होता है. आइए पढ़ते हैं आरती.
आरती हर-हर महादेवजी की
सत्य, सनातन, सुन्दर शिव! सबके स्वामी.
अविकारी, अविनाशी, अज, अंतर्यामी.. हर-हर...
आदि, अनंत, अनामय, अकल कलाधारी.
अमल, अरूप, अगोचर, अविचल, अघहारी.. हर-हर...
ह्मा, विष्णु, महेश्वर, तुम त्रिमूर्तिधारी.
कर्ता, भर्ता, धर्ता तुम ही संहारी.. हर-हर...
रक्षक, भक्षक, प्रेरक, प्रिय औघरदानी.
साक्षी, परम अकर्ता, कर्ता, अभिमानी.. हर-हर...
मणिमय भवन निवासी, अतिभोगी, रागी.
सदा श्मशान विहारी, योगी वैरागी.. हर-हर...
छाल कपाल, गरल गल, मुण्डमाल, व्याली.
चिताभस्म तन, त्रिनयन, अयन महाकाली.. हर-हर...
प्रेत पिशाच सुसेवित, पीत जटाधारी.
विवसन विकट रूपधर रुद्र प्रलयकारी.. हर-हर...
शुभ्र-सौम्य, सुरसरिधर, शशिधर, सुखकारी.
अतिकमनीय, शान्तिकर, शिवमुनि मनहारी.. हर-हर...
निर्गुण, सगुण, निरंजन, जगमय, नित्य प्रभो.
कालरूप केवल हर! कालातीत विभो.. हर-हर...
सत्, चित्, आनंद, रसमय, करुणामय धाता.
प्रेम सुधा निधि, प्रियतम, अखिल विश्व त्राता. हर-हर...
हम अतिदीन, दयामय! चरण शरण दीजै.
सब विधि निर्मल मति कर अपना कर लीजै. हर-हर....
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