जयपुर: राजस्थान के पूर्व शिक्षा मंत्री और कांग्रेस प्रदेश इकाई के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा द्वारा महाराणा प्रताप पर दिया गया एक बयान विवाद का कारण बन गया है. दरअसल, कांग्रेस के 2 दिवसीय प्रशिक्षण शिविर में नागौर पहुंचे डोटासरा ने भाजपा पर महाराणा प्रताप के नाम पर सियासत करने का इल्जाम लगाया. उन्होंने कहा कि महाराणा प्रताप और अकबर के बीच का संघर्ष सिर्फ सत्ता के लिए हुआ संघर्ष था. लेकिन भाजपा और RSS इसे राष्ट्र और धर्म से जोड़ते हैं.
डोटासरा ने आगे कहा कि भाजपा वालों ने पाठ्यक्रम बदलवा दिया और अपने विद्या भारती के स्कूलों में महाराणा प्रताप और अकबर में हुए युद्ध को धार्मिक युद्ध बता दिया. दोनों के बीच सत्ता का संघर्ष था. मगर भाजपा को हर चश्मे में हिंदू-मुस्लिम ही नज़र आते हैं. महाराणा प्रताप पर डोटासरा के बयान के बाद भाजपा उनपर हमलावर हो गई है. राजस्थान भाजपा के अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा है कि डोटासरा को पता नहीं है कि महाराणा प्रताप ने राष्ट्र के लिए जंग लड़ी थी. कांग्रेस मुस्लिम वोटों के खिसकने के डर से अकारण सियासी रैलियों में महाराणा प्रताप का नाम घसीट रही है.
बता दें कि इससे पहले गोबिन्द सिंह डोटासरा शिक्षा मंत्री रहते समय हल्दीघाटी की लड़ाई में महाराणा प्रताप की हार और जीत के मुद्दे पर बयान देकर विवादों में घिर चुके हैं. इसके पहले भी महराणा प्रताप को लेकर राजस्थान में सियासी बवाल होता रहा है. राजस्थान विधानसभा उप चुनाव के दौरान भी भाजपा के नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया द्वारा महाराणा प्रताप पर दिए गए एक बयान को कांग्रेस ने बड़ा चुनावी मुद्दा बना लिया था.
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