मुंबईः महाराष्ट्र में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर राज्य के सभी राजनीतिक दलों ने अपनी तैयारियों को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है। राज्य में मुख्य लड़ाई सत्ताधारी बीजेपी-शिवसेना गठबंधऩ और विपक्षी कांग्रेस और एनसीपी गठबंधन के बीच है। सीट बंटवारें में विपक्षी कांग्रेस और एनसीपी गठबंधन सत्ताधारी गठबंधन से आगे निकले। दोनो के बीच 125-125 सीटों का तालमेल हुआ है और बाकी की बची सीटें राज्य में सक्रिय कुछ छोटे दलों और संगठनों के लिए छोड़ी गई है। इसमें सपा भी शामिल है।
इस तालमेल के खिलाफ अब कांग्रेस में असंतोष बढ़ने लगा है। इस समीकरण पर नाराज पार्टी नेताओं का मानना है कि नेतृत्व ऐसी सीटें सपा को देने जा रहा है जिन्हें कांग्रेस आसानी से जीत सकती है। उनका कहना है कि अगर पार्टी इसी नीति पर चलती रही तो यूपी की तरह ही यहां भी अपनी जमीन खो बैठेंगे। समाजवादी पार्टी के नेता अबु हाशिमी ने भिवंडी विधानसभा सीट समेत तीन सीटों पर मजबूती से दावा किया है। इन सीटों पर कांग्रेस संगठनात्मक और जमीनी तौर पर मजबूत है इस लिए स्थानीय नेता और दावेदार इसका विरोध कर रह हैं।
वहीं इसके एवज में सपा तीन अन्य सीटों पर कांग्रेस के खिलाफ फ्रेंडली उम्मीदवार उतारेगी। दरअसल शरद पवार ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात कर जो फार्मूला बनाया है उसमें भाजपा उम्मीदवार के खिलाफ विपक्ष की ओर से एक ही उम्मीदवार उतारने की रणनीति है। महाराष्ट्र राज्य के कुछ नेताओं कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर सपा के साथ सीट बंटवारे पर नाराजगी जाहिर की। बता दें कि एसपी ने साल 2014 में केवल भिवंडी सीट ही जीत पाई थी।
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