मुंबई: महाराष्ट्र विधानसभा का दो दिवसीय मानसूत्र सत्र बीते सोमवार को हंगामे के साथ शुरू हुआ था। यह हंगामा पूरे दिन चलता रहा। जी दरअसल BJP के विधायकों ने चुनावों में आरक्षण, विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव जल्द करवाने, MPSC परीक्षा के लिए समिति गठित करने, मराठा आरक्षण और किसानों के मुद्दे पर सदन में खूब नारेबाजी की। यह सब होने के बाद विधानसभा अध्यक्ष भास्कर जाधव के साथ धक्कामुक्की और गालीगलौज करने के आरोपी 12 विधायकों को एक साल के लिए निलंबित भी कर दिया गया है। दूसरी तरफ महाराष्ट्र के वित्त मंत्री अजित पवार ने बीते सोमवार को राज्य विधान परिषद में कहा कि 'केंद्र सरकार पर महाराष्ट्र का 30,352 करोड़ रुपए का जीएसटी मुआवजा बकाया है।'
जी हाँ, बीते सोमवार को उन्होंने महाराष्ट्र वस्तु एवं सेवा कर विधेयक (संशोधन) 2021 पेश करने के बाद कहा, ''केंद्र को बकाया मुआवजे के बारे में गंभीरता से विचार करना चाहिए।'' इसके अलावा अजित पवार ने विधेयक को लेकर यह भी कहा कि, ''केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) परिषद की नियमित तौर पर बैठक होती है और कुछ फैसले लिए जाते हैं। परिषदों के सदस्यों में राज्यों के वित्त मंत्री शामिल हैं।''
इसी के साथ उन्होंने कहा, 'फैसले लेने के बाद पहले केंद्र उनका कार्यान्वयन करता है और बाद में राज्यों को अपनी विधायिकाओं में उन फैसलों को पारित करने की जरूरत होती है। इसलिए यह विधेयक विधान परिषद में पेश किया गया और सबने उसे पारित किया। 2019-20 में महाराष्ट्र का कुल जीएसटी मुआवजा 1,029 करोड़ रुपए था। 2020-21 में बकाया राशि बढ़कर 20,193 करोड़ रुपए हो गयी। 2021-22 (अप्रैल से मई) में यह 9,130 करोड़ रुपए थी। इस तरह से इस समय केंद्र पर कुल बकाया जीएसटी मुआवजा 30,352 करोड़ रुपए का है।'
सस्पेंड हुए बीजेपी विधायकों के नाम- पराग अलवानी, राम सतपुते, संजय कुटे, आशीष शेलार, अभिमन्यु पवार, गिरीश महाजन, अतुल भटकलकर, शिरीष पिंगले, जयकुमार रावल, योगेश सागर, नारायण कुचे और कीर्तिकुमार भंगड़िया।
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