नई दिल्ली: भारत को इस्लामिक मुल्क बनाने की साजिश पर काम कर रहे कट्टरपंथी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) को लेकर महाराष्ट्र आतंकवाद विरोधी निकाय (ATS) ने सनसनीखेज खुलासा किया है। प्रतिबंधित संगठन PFI के 5 कट्टरपंथियों के खिलाफ दाखिल की गई चार्जशीट में ATS ने कहा है कि इनका इरादा 2047 तक भारत को इस्लामिक देश बनाना था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, पीएम नरेंद्र मोदी, उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ जैसे नेताओं का नाम लेकर मुस्लिम युवाओं को भड़काया जा रहा था। साथ ही, कट्टरपंथियों के पास से एक हिंदू घृणा से भरी एक किताब भी बरामद हुई है।
महाराष्ट्र ATS ने गुरुवार (2 फरवरी) को आरोपपत्र दायर किया था। रिपोर्ट के अनुसार, ATS ने PFI के इन कट्टरपंथी सदस्यों के मोबाइल से ‘365 डेज: थ्रू अ थाउजेंड कट्स (365 days: Through a Thousand Cuts)’ नामक किताब जब्त की है। इस किताब में कहा गया है कि वर्ष 2014 में पीएम मोदी के सत्ता में आने आने के बाद से भारत में मुस्लिमों के लिए स्थितियाँ बदल गई हैं। इसी पुस्तक के एक पैराग्राफ में लिखा है कि, 'मोदी के सत्ता में आने के अगले ही दिन से तमाम बुरी ताकतें सामने आ गईं। नफरत फैलाने वाले लोगों ने जहर उगलना शुरू कर दिया। उन सभी को यह लग रहा है कि भारत एक हिंदू राष्ट्र बन चुका है।'
PFI का BBC कनेक्शन:-
हिंदुओं के खिलाफ घृणा से भरी हुई इस किताब में पीएम नरेंद्र मोदी और गुजरात में हुए 2002 के दंगों का भी उल्लेख किया गया है। दंगों के वक़्त मोदी गुजरात के CM थे। बता दें कि, PFI गुजरात दंगों को और पीएम मोदी को लेकर जो दुष्प्रचार कर रहा है, बिलकुल वही बातें BBC की विवादित डॉक्यूमेंट्री में भी दर्शाई गईं हैं। ऐसे में ये भारत के विरुद्ध एक बड़ी साजिश हो सकती है, जिसमे आतंकी संगठन, PFI जैसे कट्टरपंथी संगठन और विदेशी तथा वामपंथी मीडिया सब मिलकर भारत विरोधी षड्यंत्र रच रहे हैं। बता दें कि, भारत की सुप्रीम कोर्ट गुजरात दंगा मामले में पीएम मोदी को क्लीन चिट दे चुकी है। वहीं, गुजरात दंगों को लेकर पीएम मोदी के खिलाफ फर्जी सबूत गढ़ने के मामले में कांग्रेस की करीबी तीस्ता सीतलवाड़ पर केस भी चल रहा है। आरोप है कि, तीस्ता ने कांग्रेस से पैसे लेकर तत्कालीन सीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ फर्जी सबूत गढ़े और उनकी सरकार को गिराने का प्रयास किया।
इसके साथ ही ATS द्वारा जब्त की गई इस किताब में सीएम योगी, केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति और गिरिराज सिंह सहित कई अन्य हिंदू नेताओं का भी उल्लेख किया गया है। इस पुस्तक में PFI और उसकी पोलिटिकल विंग सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (SDPI) के संबंधों का भी खुलासा है। इस किताब में SDPI का नाम बतौर प्रकाशक दर्ज है। हालाँकि, SDPI ने कभी भी PFI से अपने ताल्लुकातों को स्वीकार नहीं किया है। मगर, इसे PFI की ही पोलिटिकल ब्रांच माना जाता है।
आरोपपत्र में ATS ने जानकारी दी है कि PFI भारत को इस्लामिक राज्य बनाने के लिए मुस्लिम युवाओं को मजहब के नाम पर भड़काकर उन्हें कट्टरपंथी बना रहा था। गिरफ्तार किए गए कट्टरपंथियों ने मुस्लिम युवाओं को लेकर महाराष्ट्र के कई जिलों में सभाओं का भी आयोजन किया था। बता दें कि महाराष्ट्र ATS और राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) ने सितंबर 2022 में छापेमारी की कार्रवाई करते हुए PFI से जुड़े 21 लोगों को अरेस्ट किया था। इनमें से 5 आरोपित मुंबई से पकड़े हुए थे। इन 5 आरोपितों की शिनाख्त मजहर खान, सादिक शेख, मोहम्मद इकबाल खान, मोमिन मिस्त्री और आसिफ हुसैन खान के रूप में की गई थी। इन सभी को गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल होने और देश के विरुद्ध युद्ध छेड़ने के आरोप में अरेस्ट किया गया था।
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