पुणे: मराठा समुदाय द्वारा आरक्षण की मांग को लेकर चलाए गए आंदोलन के दौरान हिंसा और तोड़फोड़ करने के मामले में गुरुवार को पुणे पुलिस ने कुल 194 लोगों को गिरफ्तार किया था, जिसमे 5 महिलाएँ और 2 नाबालिग शामिल थे. इन 194 लोगों में से आज 192 को पुणे की सत्र अदालत के सामने प्रस्तुत किया गया.
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अदालत ने मामले की सुनवाई करते हुए इनके खिलाफ फैसला सुनाया है, पुणे अदालत द्वारा यह फैसला पुलिस द्वारा बनाई गई रिपोर्ट के आधार पर सुनाया गया है. अदालत ने 192 में से 21 लोगों को 15000 के जमानत पत्र पर रिहा कर दिया है, साथ ही आगे से ऐसा न करने की हिदायत भी दी है. वहीं 50 लोगों को 2 दिन के लिए और 8 लोगों को 1 दिन के लिए पुलिस हिरासत में भेजा गया है.
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इसके अलावा 113 गंभीर अभियुक्तों को अदालत ने न्यायिक हिरासत में रखने का हुक्म सुनाया है. आपको बता दें कि गुरुवार को मराठा समुदाय ने एक बार फिर बंद का ऐलान किया था, हालांकि उन्होंने पहले ये कहा था कि वे शांतिपूर्ण बंद करना चाहते हैं, लेकिन फिर भी बंद के दौरान हिंसा और आगज़नी की घटनाएं सामने आई थी, कई जिलों में चक्का-जाम और आगज़नी की वारदात हुई थी, जिस कारण प्रशासन को इंटरनेट बंद करना पड़ा था. इसके बाद पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए गिरफ़्तारी शुरू की थी.
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