नागपुर: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) में विधानसभा चुनाव के बाद आरोप-प्रत्यारोप के साथ ही राज्य नेतृत्व में परिवर्तन से भारी असंतोष पनप रहा है। इसको देखते हुए एक पदाधिकारी के समर्थकों ने खुलकर 5 नवंबर को पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव एड. वीरसिंह और नवनियुक्त प्रदेशाध्यक्ष एड. संदीप ताजने पर पार्टी को बेचने का इल्जाम लगाकर उनके पुतलों का दहन कर दिया।
दूसरी तरफ संबंधित नेताओं के समर्थक कुछ पदाधिकारियों ने पार्टी के प्रांतीय दफ्तर के सामने हुए प्रदर्शन का विरोध जताते हुए पुलिस से लिखित शिकायत की है। इसके चलते नागपुर में ही पदाधिकारियों के दो गुट एक्टिव हो गए हैं। इस घटना के बाद पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारी और नवनियुक्त पदाधिकारियों के भी अभी कुछ महीनों तक नागपुर से दूरी बनाए रखने की चर्चाएं चल रही हैं। इसके पहले भी असंतुष्ट कार्यकर्ताओं ने नागपुर के चॉक्स कॉलोनी स्थित कामगार भवन में आयोजित किए गए सम्मेलन में पूर्व प्रदेशाध्यक्ष विलास गरुड पर हमला किया था।
कुछ महीने पहले जून में अमरावती के कार्यकर्ता सम्मेलन में नवनियुक्त प्रदेशाध्यक्ष एड. ताजने को भी नाराज कार्यकर्ताओं की पिटाई का सामना करना पड़ा है। सूत्रों के मुताबिक, इन स्थितियों को देखते हुए कोई भी वरिष्ठ पदाधिकारी नागपुर आकर खतरा मोल लेने को राजी नहीं है. ऐसे में कुछ पदाधिकारियों को नई कार्यकारिणी में स्थान देने के लिए बारी-बारी से मुंबई बुलाकर नागपुर के हालातों को लेकर चर्चा चल रही है। उन्हें प्रमोशन देकर अपनी समर्थक लॉबी में शामिल करने की कोशिश की जा रही हैं।
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