मुंबई: मुंबई में महिलाओं और बच्चों के साथ हो रहे जघन्य अपराधों पर लगाम लगाने के लिए राज्य कैबिनेट ने एक विधेयक के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है। जिसके मुताबिक, दोषियों के लिए मृत्युदंड, आजीवन कारावास और भारी जुर्माना समेत कड़ी सजा और मुकदमे की तत्काल सुनवाई के प्रावधान हैं।
इसे पूरे महाराष्ट्र में लागू करने के लिये विधेयक के प्रस्ताव में भादंसं, सीआरपीसी और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम की प्रासंगिक धाराओं में बदलाव करने का प्रस्ताव है। गृह मंत्री अनिल देशमुख ने कहा कि इसे आगामी शीतकालीन सत्र के दौरान विधानसभा में पेश किया जाएगा। विधानसभा का दो दिवसीय शीतकालीन सत्र 14 दिसंबर से मुंबई में आरंभ हो रहा है। विधेयक विधानमंडल के दोनों सदनों में बहस और अनुमोदन के लिए पेश किया जाएगा।
इसे कानून का रूप ले लेने के बाद शक्ति अधिनियम के नाम से जाना जाएगा। देशमुख ने आगे कहा कि इसमें 15 दिनों के भीतर किसी मामले में जांच पूरी करने और 30 दिन के अंदर सुनवाई का प्रावधान है। इस बीच, सरकार ने निर्णय लिया है कि महाराष्ट्र विधानसभा का शीतकालीन सत्र इस बार मुंबई के बजाय नागपुर में आयोजित किया जाएगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि इस नए कानून से महिलाओं के साथ हो रहे अपराधों में कमी आएगी।
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