मुंबई: मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह के 'लेटर बम' और 100 करोड़ रुपये की उगाही के आरोप के बीच महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख लगातार चर्चाओं का हिस्सा बने हुए हैं। बीते सोमवार के दिन सरकारी निवास से निकलकर वह सह्याद्रि गेस्ट हाउस पहुंचे। यहाँ उनके साथ गृह विभाग के कुछ अधिकारी भी शामिल रहे। खबरों के मुताबिक यहाँ अनिल देशमुख रात के 8 बजे से लेकर 11 बजे तक रहे और उसी दौरान उन्होंने गृह विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की। अब तक यह पता नहीं चल पाया है कि गृह विभाग के अधिकारियों के साथ उन्होंने किस बारे में बात की। वहीँ जब अनिल गेस्ट हाउस से बाहर निकले तो वह मीडिया के सवालों से बचते नजर आए।
उसके बाद वह ज्ञानेश्वरी स्थित अपने सरकारी निवास लौट गए। आप सभी को हम यह भी बता दें कि शरद पवार ने बीते सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। उस दौरान उन्होंने अनिल देशमुख का साथ दिया। अपने बयान में उन्होंने कहा कि, 'अनिल देशमुख और सचिन वाजे के बीच बातचीत के आरोप गलत हैं, क्योंकि फरवरी महीने में देशमुख अस्पताल में भर्ती थे।' इसी के साथ उन्होंने अनिल देशमुख के अस्पताल में भर्ती होने का पर्चा भी दिखाया और कहा कि, 'कोरोना वायरस की संक्रमण की वजह से वह 5 से 15 फरवरी तक नागपुर के अस्पताल में भर्ती थे। इसके बाद 16 फरवरी से 27 फरवरी तक वह होम आइसोलेशन में थे।'
आगे शरद पवार ने यह भी कहा कि, 'इससे यह साफ हो जाताया है कि अनिल देशमुख पर लगाए गए आरोप गलत थे, ऐसे में उनके इस्तीफे का सवाल नहीं उठता है। परमबीर सिंह के आरोपों से महाराष्ट्र सरकार पर कुछ असर नहीं पड़ेगा।' आप सभी को बता दें कि मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को एक पत्र लिखा था, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख चाहते थे कि पुलिस अधिकारी बार और होटलों से हर महीने 100 करोड़ रुपये की वसूली करके उन्हें पहुंचाएं। इन आरोपों के बाद दिल्ली में शरद पवार के घर पर एनसीपी की बैठक हुई, जिसमें एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल, अजित पवार, सुप्रिया सुले और जयंत पाटिल शामिल हुए।
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