मुंबई: महाराष्ट्र के औरंगाबाद से एक चौंका देने वाला मामला प्रकाश में आया है। सूबे के किशोर न्याय बोर्ड (Juvenile Justice Board) ने आतंकी संगठन ISIS के एक आतंकी को रिहा करने का फैसला सुनाया है। इतना ही नहीं अपने विवादास्पद फैसले में बोर्ड ने उसे दोषी ठहराए जाने के बाद भी अपने इलाके में स्कूल के बच्चों को ट्यूशन पढ़ाने की इजाजत भी दे दी है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, तीन सदस्यीय किशोर न्याय बोर्ड (JJB) का नेतृत्व कर रहे एक प्रधान मजिस्ट्रेट ने कानून का उल्लंघन करने वाले और आतंकी मामले में दोषी पाए गए एक नाबालिग (CCL) की रिहाई का आदेश देकर उसे सेट-ऑफ बेनिफिट दिया है। वह तीन वर्ष (23 जनवरी, 2019 से अब तक) की सजा एक ऑब्जर्वेशन होम (Observation Home) में काट चुका है। 11 मई को अपने फैसले में JJB ने आतंकी गतिविधियों में शामिल अपराधी को ‘Child in Conflict with the Law (CCL)’ के तहत रिहा करने का आदेश दिया है। CCL यानी उसे एक वर्ष की अवधि के लिए अच्छे व्यवहार के रूप में रिहा किया गया है। ठाणे में एक परिवीक्षा अधिकारी (Probation Officer) की निर्गाणि में उसे रखा गया है।
इसके साथ ही कोर्ट ने यह भी आदेश दिया है कि दोषी आने वाले छह महीनों तक महीने में दो बार वृद्धाश्रम में जाकर वृद्धों की सेवा करेगा और सामाजिक कार्यों में अपना सहयोग देगा। इसके रूप में आतंकी को अपने इलाके में कक्षा 7 और 9 के बच्चों को गणित और अंग्रेजी की ट्यूशन देने का भी आदेश दिया गया है।
बोर्ड ने माना आतंकी:-
बता दें कि बोर्ड ने ISIS आतंकी को IPC की धारा 120-बी (आपराधिक साजिश) और 201 (साक्ष्य नष्ट करना), धारा 18 (साजिश), 20 (एक आतंकी संगठन का सदस्य होना), 38 और 39 (आतंकी संगठन की सदस्यता और समर्थन से संबंधित अपराध) के तहत आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने का दोषी करार दिया है।
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