देश की सड़कों को बेहतरीन बनाने का दवा करने वाली सरकार की पोल बारिश की पहली बौछारें खोल देती है. सड़क दुर्घटना के आंकड़े दूसरा जरिया है जो विकास की सच्चाई से रूबरू करवाते है. मगर इन सब के बीच महाराष्ट्र के लोक निर्माण मंत्री चंद्रकांत पाटिल का तर्क कुछ अलग ही है जो असलियत से कोसो दूर लगता है. मंत्री का कहना है कि सड़क दुर्घटनाओं के लिए सड़क में बने गड्ढों को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है. महाराष्ट्र के मंत्री यह कहने के पहले भूल गए कि पिछले दो सप्ताह में मुंबई क्षेत्र में क्षतिग्रस्त सड़क की वजह से पांच लोगों ने अपने प्राण गवाएं है.
सांगली में पाटिल ने पत्रकारों से कहा, 'इस तरह की दुर्घटनाओं में जब आप मौत की बात करते हैं तो भूल जाते हैं कि पांच लाख अन्य लोग भी इसी सड़क से गुजरते हैं. आप सिर्फ सड़क की स्थिति को अकेले दोषी नहीं ठहरा सकते हैं.' विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने मंत्री के इस बयान पर घेराव शुरू कर दिया है. कांग्रेस के महासचिव सचिन सावंत ने कहा कि पाटिल सड़क को लेकर लोगों के विचार पर प्रश्न उठा रहे हैं लेकिन वह चुनाव के बाद ही समझेंगे कि लोग क्या कर सकते हैं.
मुंबई कांग्रेस प्रमुख संजय निरूपम ने दावा किया कि बंबई उच्च न्यायालय में बीएमसी ने दावा किया था कि मुंबई में 300 गड्ढे हैं, जबकि यहां 20,000 गड्ढे हैं. उन्होंने कहा कि वह मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, शिव सेना प्रमुख उद्धव ठाकरे और नगर निगम आयुक्त और मेयर पर खराब सड़क को लेकर 'प्राथमिकी दर्ज' कराने जा रहे हैं.
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