मुंबई: महाराष्ट्र-कर्नाटक के बीच जारी सीमा विवाद के मुद्दे पर लगातार तनाव बढ़ता दिखाई दे रहा है। जी दरअसल महाराष्ट्र के मंत्री शंभूराज देसाई ने बीते बुधवार को कर्नाटक सरकार को चेतावनी जारी कर दी है। ऐसा कहा गया है कि अगर कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई गैर-जिम्मेदाराना बयान देना बंद नहीं करते तो महाराष्ट्र को अपने बांधों से पड़ोसी राज्य को पानी मुहैया कराने के बारे में फिर से विचार करना होगा। आपको बता दें कि शंभूराज देसाई ने कर्नाटक सरकार के उस रुख पर सवाल उठाया, जिसमें उन्होंने कहा है कि महाराष्ट्र को एक इंच भी जमीन नहीं देंगे।
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जी हाँ और आपको यह भी बता दें कि कर्नाटक विधानसभा में सीमा विवाद पर चर्चा के दौरान बोम्मई ने कहा था कि, 'सीमा का मुद्दा सुलझा हुआ है और पड़ोसी राज्य को एक इंच भी जमीन नहीं दी जाएगी।' इसी के साथ देसाई ने कहा, 'वह कर्नाटक सरकार की ऐसी टिप्पणियों की निंदा करते हैं और सांविधानिक पद पर रहते हुए ऐसे बयान देना बोम्मई को शोभा नहीं देता। जब मामला न्यायालय में विचाराधीन है, तो उन्हें इस तरह की उकसाने वाली भाषा का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।'
आप सभी को बता दें कि साल 1957 में महाराष्ट्र-कर्नाटक राज्य का पुनर्गठन भाषायी आधार पर हुआ था। महाराष्ट्र बेलगावी पर अपना दावा करता है, जो तत्कालीन बॉम्बे प्रेसीडेंसी का हिस्सा था, क्योंकि मराठी भाषी आबादी का एक बड़ा हिस्सा वहां रहता है। इसी के साथ महाराष्ट्र का दावा वह उन 800 से अधिक मराठी भाषी गांवों पर भी है, जो वर्तमान में कर्नाटक का हिस्सा हैं। दूसरी तरफ कर्नाटक का कहना है कि महाजन आयोग की रिपोर्ट के तहत भाषायी आधार पर किया गया सीमांकन अंतिम है।
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