मुंबई: महाराष्ट्र में शिवसेना के पश्चात् अब NCP में भी दो फाड़ हो चुके हैं। शरद पवार के भतीजे अजित पवार ने लगभग 30 से अधिक विधायकों के साथ मिलकर शिंदे-भाजपा सरकार से हाथ मिलाया और स्वयं उपमुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठ गए। उनके साथ मौजूद नजदीकी विधायकों को मंत्रीपद दिया गया है। वहीं शरद पवार के लिए इसे एक बड़ा झटका माना जा रहा है, क्योंकि राष्ट्रीय अध्यक्ष होने के बड़ा भी उनके पाले में गिने-चुने ही विधायक बचे हैं।
अजित पवार के साथ ये विधायक:-
बात अजित पवार की करे तो, जिन्होंने पूरा चक्रव्यूह रचा तथा अब सरकार में सम्मिलित हो चुके हैं। अजित पवार के साथ आने वाले विधायकों की संख्या बहुत अधिक है, वहीं कुछ विधायक ऐसे भी हैं, जिन्होंने अब तक अपना रुख साफ नहीं किया है। अजित पवार के साथ जाने वाले विधायकों में शेखर निकम, प्रकाश सोलखे, दीपक चव्हाण, संग्राम जगताप, चेतन तुपे, अण्णा बनसोडे, सुनील शेलके, दिलीप मोहिते, दिलीप बनकर, माणिकराव कोकाटे, नितीन पवार, चंद्रकांत नवघरे, राजेंद्र कारेमोरे, मनोहर चंद्रिकापुरे, राजेश नरसिंग पाटील, इंद्रनील नाईक, छगन भुजबल, नरहरी झिरवळ,सरोज अहिर, अदिती तटकरे, अतुल बेनके, दिलीप वळसे पाटील, संजय बनसोडे, अनिल पाटील, हसन मुश्रीफ, धर्मराव आत्राम एवं धनंजय मुंडे जैसे नेता सम्मिलित हैं।
शरद पवार के साथ विधायक:-
NCP प्रमुख शरद पवार के साथ उनके कुछ नजदीकी नेता बचे हुए हैं, जिन्होंने अजित पवार के साथ पाला नहीं बदला है। इनमें जयंत पाटिल, जितेंद्र आव्हाड, प्राजक्त तनपुरे, रोहित पवार, बाळासाहेब पाटील, अनिल देशमुख एवं सुनील भुसारा जैसे नाम सम्मिलित हैं।
एक ऐसी जगह जहाँ नहीं है किसी भी तरह के कोई कानून कायदे