पुणे: महाराष्ट्र के इतिहास में पहली बार सामूहिक दुष्कर्म के मामले में एक महिला आरोपी को कठोर सजा मिली है. स्कूल की छुट्टी लगने के बाद रिश्तेदारों के पास रहने आई एक नाबालिग लड़की के साथ सामूहिक दुष्कर्म करने के मामले में एक महिला सहित चार अन्य आरोपियों को पुणे के शिवाजी नगर जिला सत्र अदालत के न्यायाधीश ने 20 वर्ष कैद की कड़ी सजा सुनाई है. किसी महिला को सामूहिक दुष्कर्म के मामले में सजा सुनाने का महाराष्ट्र का यह पहला मामला है. यह घटना अप्रैल 2016 में पुणे के मुंढवा परिसर में पिंगले बस्ती में हुई थी.
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आरोपी वर्षा धनराज गायकवाड, मनोज सूरज जाधव, प्रशांत गुरुनाथ गायकवाड और अजय दीपक जाधव को पुणे न्यायालय ने सजा सुनाई है. इस मामले का कार्य सरकारी वकील राजेश कावेडिया ने देखा है. इस मामले में 12 साल की पीड़ित लड़की ने सामूहिक दुष्कर्म की शिकायत दर्ज करवाई थी. पीड़ित लड़की की स्कूल की छुट्टी लगने के बाद जब वह रिश्तेदार के पास रहने के लिए आई हुई थी, इसी दौरान आरोपी वर्षा गायकवाड ने पीड़िता नाबालिग को आरोपी प्रशांत गायकवाड के फ्लैट पर लेकर गई थी, इसी दौरान आरोपी वर्षा ने 14 मई 2016 को पीड़िता को प्रशांत और अजय ने पीड़िता का हाथ पकड़ा और मनोज ने लड़की के साथ दुष्कर्म किया.
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इस मामले में अतिरिक्त सरकारी वकील राजेश कावेडिया ने गवाह पेश किए थे. आरोपी वर्षा गायकवाड ने बलात्कार मामले में दुष्कर्मी का साथ दिया था. इस घटना के चलते पीड़िता को काफी मानसिक सदमा पहुंचा था. इसलिए चारों आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग कावेडिया ने की थी. उसके बाद न्यायाधीश ने मेडिकल रिपोर्ट और नाबालिग लड़की के बयान को सुनते हुए बाल यौन शोषण के विभिन्न धारा के आधार पर आरोपियों को सजा सुनाई है.
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