लॉकडाउन और कोरोना संक्रमण के बीच महाराष्ट्र सरकार ने 11 लाख से ज्यादा प्रवासी कामगारों को उनके गृह राज्यों तक पहुंचाने में परिवहन पर 100 करोड़ रुपये खर्च किए हैं. राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने शनिवार को कहा कि इसके लिए केंद्रीय सहायता की भी प्रतीक्षा नहीं की गई. उन्होंने यह भी बताया कि राज्य में चलाई जा रही 'महात्मा ज्योतिबा फुले जन आरोग्य योजना' के तहत कोविड-19 मरीजों मुफ्त इलाज किया जाएगा.
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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि कोरोना वायरस के हालात की समीक्षा के बाद देशमुख ने कहा, 'केंद्र सरकार ने 85 फीसद सब्सिडी (श्रमिक स्पेशल ट्रेनों से महाराष्ट्र से बाहर जाने वाले कामगारों के टिकट पर) देने का आश्वासन दिया था, लेकिन राज्य सरकार ने वित्तीय सहायता की प्रतीक्षा नहीं की और 11 लाख कामगारों की यात्रा पर 100 रुपये खर्च कर दिए.'
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अपने बयान में औरंगाबाद में पत्रकारों से अनिल देशमुख ने कहा कि महाराष्ट्र में कोरोना वायरस जांच प्रयोगशालाओं की संख्या 85 हो गई है. मार्च में महामारी फैलने की शुरुआत के समय दो से तीन ही थे. देशमुख के पास ही मेडिकल शिक्षा मंत्रालय भी है. वही, दूसरी तरफ, राज्य में निजी लैब में कोविड-19 जांच का शुल्क तय करने के लिए महाराष्ट्र सरकार ने चार सदस्यीय समिति गठित की है. प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा कि सात दिनों के भीतर दर तय कर दी जाएगी.वही, महाराष्ट्र देश में सबसे प्रभावित राज्यों में शीर्ष बना हुआ है. राज्य में 2,739 नए मामलों के साथ संक्रमितों की संख्या 82,968 हो गई है जबकि, अब तक 2,969 लोगों की जान जा चुकी है.
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