मुंबई: महाराष्ट्र में दूध एवं दुग्ध पदार्थों का व्यापार करने वाले किसान बीत कुछ दिनों से काफी आक्रोशित नज़र आ रहे हैं. उनका कहना है कि उन्हें दूध का उचित भाव नहीं मिल रहा है. सबसे अधिक विरोध प्रदर्शन शिरडी और अकोला में देखने को मिला है. अकोला में जहां प्रदर्शन कर रहे किसानों ने दूध सड़कों पर बहा दिया तो शिरडी में दूध से गाय का ही अभिषेक कर दिया गया. इससे पहले महाराष्ट्र के किसान नेताओं ने पहले ही आज राज्यव्यापी आंदोलन करने की चेतावनी दे दी थी।
किसान नेता अजित नवले ने शुक्रवार को जानकारी देते हुए बताया था कि इससे पहले भी दूध उत्पादक किसानों ने सरकार को चेतावनी देने के लिए दूध फेंको आंदोलन शुरू किय था। इस विरोध प्रदर्शन के दौरान किसानों ने दूध संकलन केंद्र पर पहुंचकर पूरा दूध सड़क पर बहा दिया था। यह आंदोलन 2 दिनों तक चला था और इसका प्रभाव पूरे महाराष्ट्र में देखने को मिला था।
इस आंदोलन के मद्देनज़र महाविकास आघाड़ी की सरकार ने किसानों के साथ बैठक भी की थी, किन्तु इस बैठक का कोई सकारात्मक परिणाम नहीं निकल पाया था। किसानों ने उस समय भी सरकार को आगाह किया था कि यदि सरकार उनकी मांगों पर ध्यान नहीं देती है तो वे उग्र आंदोलन करेंगे। आज यानि 1 अगस्त को किसान इसी आंदोलन का आगाज़ कर रहे हैं। किसानों की यह मांग है कि उन्हें राज्य सरकार 10 रुपए प्रति लीटर की दर से दूध का अनुदान दे। लॉकडाउन के वक़्त से उन्हें दूध का उचित मूल्य नहीं मिल पा रहा है।
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