क्या महात्मा गांधी देशभक्त भगत सिंह को फांसी से बचा सकते थे

क्या महात्मा गांधी देशभक्त भगत सिंह को फांसी से बचा सकते थे
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भारत के इतिहास में भगत सिंह का नाम स्वर्ण अक्षरों में लिखा गया है। भारत देश को अंग्रेजी हुकूमत से आजादी दिलाने में भगत सिंह का सबसे अहम किरदार रहा है। ब्रिटिश सरकार की रातों की नींद हराम करने वाले एक मात्र देशभक्त भगत सिंह ही थे, जिन्हौंने अपने आत्मबल पर एक दल का गठन किया, जिसमें सुखदेव,राजगुरू जैसे देशभक्त शामिल थे। भगत सिंह के दल में वे लोग थे जो अपनी लड़ाई स्वंय लड़कर आजादी लेना चाहते थे और ठीक इसके विपरीत महात्मा गांधी जैसे महापुरूष थे, जो शांति से अपनी लड़ाई लड़ना चाहते थे।

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वहीं आजादी के दौरान भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरू को हुई फांसी की सजा से पूरे देश का माहौल और भी भयावय हो गया था। महात्मा गांधी अपने विचारों की शैली अपनाए हुए अंग्रेजो के सामने खड़े थे और भगत सिंह अपने दल को ​लिए जोर जोर से नारे लगाते ब्रिटिश कोर्ट में गए। इस दौरान ही लोगों ने महात्मा गांधी को काले झंडे दिखाए और फिर कांग्रेस पार्टी जो स्वंय महात्मा गांधी का साथ देती थी वह भी भगत सिंह की हिम्मत की तारीफ करते हुए उनकी शहादत को याद करती है। वहीं कांग्रेस पार्टी के रूप में गांधी जी पर अब सवाल उठने लगे थे कि महात्मा गांधी चाहते तो भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरू की फांसी को रूकवा सकते थे।  

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भारत देश में आजादी के समय कई लड़ाईयां लड़ी गई लेकिन उन सब में भगत सिंह की अपनी स्वंय की लड़ाईयां भी शामिल थी, वैसे ये तो सभी जानते हैं कि देश की आजादी में महत्वपूर्ण योगदान किसका कितना रहा है। लेकिन उन सबके विपरीत भगत सिंह ने देश में अपनी अलग ही अलख जगा रखी थी। वे पूर्ण रूप से नास्तिक थे और किसी भी धर्म को नहीं मानते थे। जिस दिन इन क्रांतिकारीयों को फांसी की सजा होने वाली थी उस दिन अंग्रेजों के खिलाफ नारे लगाते हुए ये सभी कोर्ट में दाखिल हुए थे।

वहीं इन सबके विपरीत मोहनदास करमचंद गांधी अपने नियमों और कानूनों पर चलने का मार्ग अपनाए हुए थे और अहिंसा परमो धर्म: का संदेश देते जा रहे थे। जहां तक मानना है, कि यदि भगत सिंह को फांसी की सजा से बचा लिया जाता तो आज देश में बहुत कुछ बदलाव हो जाते और साथ देश में पूंजीवाद, जात—पात, और धर्म को लेकर आपसी लड़ाईयां नहीं होती और सभी लोग अपने लोकतंत्र की रक्षा स्वंय करने में सक्षम हो जाते, वर्तमान समय में भी देश के लिए भगत सिंह जैसे ही आंदोलनकारीयों की जरूरत है जिससे देश में कुछ तो बदलाव आ सकेगा।

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