नई दिल्ली: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सोमवार (27 नवंबर) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तुलना महात्मा गांधी से करते हुए कहा कि महात्मा पिछली सदी के 'महापुरुष' थे, जबकि पीएम मोदी मौजूदा सदी के 'युगपुरुष' हैं। मुंबई में श्रीमद राजचंद्र की जयंती के अवसर पर बोलते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि, "पिछली सदी के महापुरुष महात्मा गांधी थे जबकि इस सदी के 'युगपुरुष' नरेंद्र मोदी हैं।"
उन्होंने कहा कि, "महात्मा गांधी ने सत्य और अहिंसा की मदद से हमें अंग्रेजों की गुलामी से मुक्त कराया। पीएम मोदी हमें प्रगति के पथ पर आगे ले गए, जिसे हम हमेशा देखना चाहते थे।" उपराष्ट्रपति ने कहा कि, "महात्मा गांधी और पीएम मोदी दोनों ने श्रीमद राजचंद्र जी की शिक्षाओं को प्रतिबिंबित किया।" उनके बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस पार्टी ने कहा कि यह "दुर्भाग्यपूर्ण" है और "दिखाता है कि भारत में प्रत्येक संस्था ढह रही है।"
#WATCH | Delhi: Cong leader Manish Tewari says, "The great Mahatma fashioned craft and honed the instrument of non-violence as a means of passive resistance when the only thing the world knew was war as a means of resistance and conflict as a method of opposing oppression...He… https://t.co/tdpGnMUzJx pic.twitter.com/6kralp8id6
— ANI (@ANI) November 28, 2023
कांग्रेस नेता मणिकम टैगोर ने कहा कि, "यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है और यह दर्शाता है कि भारत में प्रत्येक संस्था ध्वस्त हो रही है। भारत के उपराष्ट्रपति द्वारा महात्मा गांधी की तुलना पीएम मोदी से करना अस्वीकार्य है और यहां तक कि पीएम मोदी भी इसे स्वीकार नहीं करेंगे...मुझे दुख होता है।" वहीं, एक अन्य कांग्रेस नेता और लोकसभा सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि एकमात्र व्यक्ति जो कुछ मायनों में महात्मा के बराबर था, वह नेल्सन मंडेला थे।
तिवारी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि, "महान महात्मा गांधी ने निष्क्रिय प्रतिरोध के साधन के रूप में अहिंसा के साधन को गढ़ा और परिष्कृत किया, जब दुनिया केवल एक चीज जानती थी कि प्रतिरोध के साधन के रूप में युद्ध और उत्पीड़न का विरोध करने की एक विधि के रूप में संघर्ष था।" मनीष तिवारी ने कहा कि, 'वह (गांधी) एक धर्मनिरपेक्ष व्यक्ति थे, महात्मा गांधी को शायद 20वीं सदी की सबसे बड़ी हस्ती माना जाता है। एकमात्र व्यक्ति जो कुछ मायनों में उनके बराबर है, वह दिवंगत नेल्सन मंडेला हैं।''
तिवारी ने आगे कहा कि, 'इस मामले में महान महात्मा की तुलना किसी से करना, अपवित्रता से कम नहीं है। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि 20वीं सदी में इस ग्रह पर आए संभवत: सबसे महान इंसान की विरासत को कमजोर किया जा रहा है।'' शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि उपाधियां इतिहास, सदियों और दुनिया भर के लोगों द्वारा तय की जाती हैं। राउत ने कहा कि, 'महात्मा गांधी का सम्मान पूरी दुनिया करती थी। अगर सरकार में बैठे लोग जरा भी 'पुरुष' होते, तो हर दूसरे दिन जम्मू-कश्मीर में हमारे जवान नहीं मरते, चीन लद्दाख में नहीं घुसता।'