आप सभी को बता दें कि चैत्र मास के शुक्ल पक्ष में हर साल स्वामी महावीर की जयंती मनाते हैं और पूरी दुनिया में जैन धर्म के पंचशील कहे जाने वाले महावीर स्वामी ने हमेशा अंहिसा और सत्य को सही कहा गया है. आप सभी जानते ही होंगे कि हर साल जैन धर्म के लोग बड़ी धूम से महावीर जयंती को मनाते हैं लेकिन इस साल कोरोना वायरस के चलते इसे सादे तरिके से मनाए जाने के बारे में कहा जा रहा है. आपको बता दें कि इस पर्व को ख़ास बनाने के लिए जैन मंदिरों को सजाया-संवारा जाता है. केवल इतना ही नहीं बल्कि मंदिरों में शोभायात्रा भी निकाली जाती है. आप सभी को बता दें कि इस बात महावीर जयंती छह अप्रैल को है. ऐसे में आपको बता दें कि महवीर स्वामी का जन्म 599 ईसा पूर्व हुआ था और महावीर स्वामी का जन्म बिहार के वैशाली स्थित गांव के एक राजपरिवार में हुआ था. कहा जाता है बचपन से परिवार की ओर से संपन्न होते हुए भी युवावस्था में आते उन्होंने संसार के मोह-माया को छोड़ दिया और उसके बाद वो सन्यासी बन गए. अब आज हम आपको बताने जा रहे हैं उनके 10 ऐसे उपदेश जो बहुत बेहतरीन हैं और अगर आपने इन्हे अपने जीवन में उतार लिया तो आपका जीवन सफल हो सकता है.
जैन धर्म के पंचशील महावीर स्वामी के 10 उपदेश -
1) भगवान का अलग से कोई अस्तित्व नहीं है. हर कोई सही दिशा में सर्वोच्च प्रयास कर के देवत्त्व प्राप्त कर सकता है.
2) सभी जीवित प्राणियों के प्रति सम्मान अहिंसा है.
3) प्रत्येक जीव स्वतंत्र है. कोई किसी और पर निर्भर नहीं करता.
4) किसी आत्मा की सबसे बड़ी गलती अपने असल रूप को ना पहचानना है और यह केवल आत्म ज्ञान प्राप्त कर के ठीक की जा सकती है.
5) प्रत्येक आत्मा स्वयं में सर्वज्ञ और आनंदमय है. आनंद बाहर से नहीं आता.
6) शांति और आत्म-नियंत्रण अहिंसा है.
7) सभी मनुष्य अपने स्वयं के दोष की वजह से दुखी होते हैं, और वे खुद अपनी गलती सुधार कर प्रसन्न हो सकते हैं.
8) अहिंसा सबसे बड़ा धर्म है.
9) स्वयं से लड़ो, बाहरी दुश्मन से क्या लड़ना ? वह जो स्वयं पर विजय कर लेगा उसे आनंद की प्राप्ति होगी.
10) खुद पर विजय प्राप्त करना लाखों शत्रुओं पर विजय पाने से बेहतर है.
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