रायपुर: छत्तीसगढ़ सरकार ने झीरमघाटी नरसंहार में मारे गए महेन्द्र कर्मा के पुत्र आशीष कर्मा को डिप्टी कलेक्टर के पद पर विशेष नियुक्त करने का अहम निर्णय लिया है। भूपेश सरकार के इस फैसले से राजनितिक पारा चढ़ गया है। इस निर्णय से कांग्रेस जहां सरकार की प्रशंसा कर रही है तो वहीं दूसरी तरफ विपक्ष इसकी आलोचना कर रहा है। इस मामले में पूर्व आईएएस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता ओपी चौधरी ने अपनी प्रतिक्रिया दी है।
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चौधरी ने सोशल मीडिया में एक पोस्ट साझा करते हुए सरकार के इस फैसले की आलोचना की है। इस मसले पर कांग्रेस के संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने सोमवार को पूर्व की रमन सिंह सरकार के निर्णय पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। त्रिवेदी ने कहा है कि झीरम की घटना के बाद रमन सरकार ने शहीदों के परिजनों को चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी पद पर नियुक्ति करने की पेशकश की थी, जो कि शहादत का अपमान था। राज्य में नए कीर्तिमान वाले बहुमत से बनी कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार, सूबे की पिछली सरकार की गलतियों को सुधारते हुए प्रदेश को सजाने और संवारने में लगी है।
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भूपेश सरकार ने झीरम घाटी हमले की जांच के लिए एसआईटी का गठन करने के बाद अब महेंद्र कर्मा के पुत्र को डिप्टी कलेक्टर की नौकरी देने का फैसला लिया है। आपको बता दें, झीरम घाटी हमले के मामले की जांच के लिए विशेष जांच टीम (एसआईटी) गठित की गई थी। आधिकारिक सूत्रों ने जानकारी देते हुए बताया है कि राज्य सरकार ने बस्तर जिले के दरभा थाना इलाके के अंतर्गत झीरम घाटी में 25 मई 2013 को हुई घटना की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन करने का आदेश जारी किया है। इस हमले में कांग्रेस नेताओं पर हमला किया गया था।
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