लखनऊ: पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बड़े किसान नेता गुलाम मोहम्मद जौला का 84 वर्ष की आयु में इंतकाल हो गया है. कृषि कानूनों के खिलाफ हुए किसानों के आंदोलन में जौला बड़ा चेहरा थे. बताया जा रहा है कि जौला का देहांत सुबह साढ़े 6 बजे दिल का दौरा पड़ने से हुआ. उस समय वे घर पर अखबार पढ़ रहे थे. कयास लगाए जा रहे हैं कि वे भारतीय किसान यूनियन (BKU) के दो फाड़ होने की खबर से सदमे में आकर उनकी मौत हो गई.
वहीं, किसान नेता राकेश टिकैत ने गुलाम मोहम्मद जौला के निधन पर दुख प्रकट करते हुए कहा कि हो सकता है कि उनका निधन भारतीय किसान यूनियन के दो फाड़ होने के सदमे के कारण हुआ हो. राकेश टिकैत ने आगे कहा कि, गुलाम मोहम्मद जौला शुरू से ही किसान संगठन के साथ रहे हैं. मंच का संचालन सदैव वे ही करते थे. उनके पास राष्ट्रीय संचालन का भी पद रहा. बीच में वे कहीं पर भी रहे हों, मगर परिवार का या टिकैत साहब (महेंद्र सिंह टिकैत) से जुड़ा कोई भी कार्यक्रम होता था, तो वे अवश्य आते थे.
राकेश टिकट बोले हाल ही में टिकैत साहब की पुण्यतिथि पर भी वे आए थे. उनका निधन एक दुखद घटना है. उन्होंने कहा, बताया जा रहा कि अखबार पढ़ते हुए उनका निधन हुआ. हो सकता है कि वे संगठन के पुराने साथी थे. ऐसे में अखबार में किसान यूनियन के टूटने की खबर पढ़कर सदमे में आ गए हों और उन्हें दिल का दौरा पड़ गया हो.
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