उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में दिवाली वाले दिन बड़ी दुर्घटना हुई. यहां रविवार देर रात ब्राह्मखाल-यमुनोत्री नेशनल हाईवे पर सिलक्यारा से डंडालगांव तक बन रही टनल का 50 मीटर भाग अचानक ही धंस गया. इसमें तकरीबन 40 मजदूरों के फंसे होने की आशंका है. मजदूरों को निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन अब भी किया जा रहा है.
अब भी यहाँ रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है. पहले रेस्क्यू टीमें शॉर्टक्रिटिंग मशीन के माध्यम से कैविटी से आए मलवे को हटाने में लगी थीं, लेकिन जब यह सफल नहीं हुआ तो इन मशीनों को टनल से बाहर भी निकाल जा चुका है. उनकी वॉशिंग हुई और उनकी जगह पर लोडर लगाकर फिर से मक को कैविटी वाले एरिया से 30-40 मीटर पीछे लाया गया है. रात तकरीबन 12 बजे, मौके पर राहत और बचाव कार्य जारी है. तकरीबन 15 मीटर तक मलवा हटाया लिया गया है. शुरुआती सहायता के रूप में शॉर्टक्रेटिंग प्रगति पर है.जिसके उपरांत 150 मिमी/200 मिमी पाइप डालने के लिए ड्रिलिंग शुरू हो जाएगी.
इसके साथ साथ टीएम मशीन द्वारा सीमेंट और कंक्रीट मिक्सचर को शॉर्ट कीट मशीन तक पहुंचाया जा रहा है और इसे श्लाइडिंग जॉन में स्प्रे किया जा रहा है, इससे कि मलबा नीचे न गिरे और उसके बाद गिरे मलबे को हटाने का कार्य किया जा सके. अब तक तकरीबन 15 मीटर भाग से मलवा हटाया जा चुका है.
डिप्टी एसपी प्रशांत कुमार ने इस बारें के कहा है कि मशीन सुचारू रूप से कार्य कर रही है. साथ ही फंसे मजदूरों द्वारा दोपहर में पानी के द्वारा सिग्नल भी दिया गया जिससे सभी के सही कुशल होने की उम्मीद जगी है. अब तक मिली जानकारी के अनुसार बिहार के 4, उत्तराखंड के 2, बंगाल के 3, यूपी के 8, ओडिशा के 5, झारखंड के 15, असम के 2 और हिमाचल प्रदेश का एक मजदूर टनल में फंसा हुआ है. इस टनल का निर्माण नवयुगा कंपनी करा रही है.
सीएम धामी भी बनाए हुए हैं नजर
वहीं इस घटना को लेकर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जानकारी दी है कि मजदूरों को बचाने के लिए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और प्रदेश की अन्य टीमें लगी हुई हैं. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि वो भी इस ऑपरेशन पर निगाह बनाए हुए हैं. उत्तरकाशी के सिल्क्यारा के पास टनल निर्माण के वक़्त हुई दुर्घटना में फँसे श्रमिकों के बचाव हेतु SDRF, NDRF और प्रदेश प्रशासन की टीमें पूरी ताक़त से जुटी हुई हैं। स्वयं भी रेस्क्यू ऑपरेशन पर लगातार निगाह बनाए हुए है।
भू-स्खलन की वजह से हादसा
अभी भी कहा जा रहा है दुर्घटना भू-स्खलन की वजह से हुआ. जिला प्रशासन के अधिकारियों के अनुसार, मजदूरों को बाहर निकालने में 2-3 दिन का वक़्तलग सकता है. उत्तरकाशी के पुलिस अधीक्षक अर्पण यदुवंशी ने कहा है कि टनल के अंदर फंसे सभी मजदूर सुरक्षित हैं, और उनके पास ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध है. एक ऑक्सीजन पाइप भी टनल के अंदर पहुंचाई गई है.
ऑल वेदर रोड प्रोजेक्ट का हिस्सा है टनल
यह टनल ऑल वेदर रोड प्रोजेक्ट का भाग है, इसकी लंबाई 4.5 किमी है. 4 किलोमीटर सुरंग का निर्माण भी हो गया है. पहले इस टनल का कार्य सितंबर 2023 में पूरा होना था, लेकिन प्रोजेक्ट में देरी हो चुकी है. अब इसे मार्च 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. जानकारी के अनुसार इस वर्ष मार्च में भी इस निर्माणाधीन सुरंग में भूस्खलन की घटना हुई थी.
26 किमी कम हो जाएगी गंगोत्री और यमुनोत्री की दूरी
यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर सिलक्यारा और जंगल चट्टी के आंधी 4.5 किलोमीटर लंबी इस अत्याधुनिक सुरंग के निर्माण से गंगोत्री और यमुनोत्री के मध्य की दूरी 26 किमी कम सकती है. यह सुरंग करीब 853 करोड़ की लागत से बन रही है. राजमार्ग और अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (NHIDCL) की देखरेख में डबल लेन सुरंग देश की पहली अत्याधुनिक सुरंग न्यू ऑस्ट्रियन टनलिंग मेथड (NATM) से बनाई जा रही है. सुरंग से मलबा हटाने और फंसे मजदूरों को निकालने के लिए एस्केप पैसेज बनाने का काम युद्धस्तर पर बनी हुई है.
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