रायपुर: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में नक्सलियों ने एक बार फिर बड़ी वारदात को अंजाम दिया है। सोमवार को कुटरु मार्ग पर एक आईईडी ब्लास्ट में 10 जवान शहीद हो गए। यह हमला उस समय हुआ, जब सुरक्षा बलों की टीम एक बड़े ऑपरेशन को अंजाम देकर वापस लौट रही थी। जवानों को लेने के लिए भेजे गए बोलेरो वाहन को नक्सलियों ने निशाना बनाया।
सूत्रों के अनुसार, दंतेवाड़ा, नारायणपुर और बीजापुर के सुरक्षा बलों की संयुक्त टीम ने अबूझमाड़ इलाके में रविवार को नक्सलियों के खिलाफ बड़ा ऑपरेशन चलाया था। इसके बाद जवान वापस कैंप लौट रहे थे। दोपहर करीब 2:15 बजे, ग्राम अंबेली के पास नक्सलियों ने सुरक्षा बल की गाड़ी को आईईडी ब्लास्ट से उड़ा दिया। इस हमले में दंतेवाड़ा DRG के 8 जवान और एक ड्राइवर शहीद हो गए, इनके अलावा एक और जवान के बलिदान होने की खबर सामने आई है।
घटना के बाद पूरे इलाके में हड़कंप मच गया। पुलिस ने बताया कि इस हमले में 5 जवान घायल हुए हैं, जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। साथ ही, शहीद जवानों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।उल्लेखनीय है कि, छत्तीसगढ़ में नई सरकार बनने के बाद नक्सलियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू कर दी गई थी। लगातार ऑपरेशन चलाए जा रहे थे, जिनमें कई नक्सली मारे गए और कई ने सरेंडर किया। सरकार ने सरेंडर करने वाले नक्सलियों को मुख्यधारा में वापस लाने के लिए योजनाएं भी शुरू की थीं। इन योजनाओं का मकसद था कि ये लोग समाज का हिस्सा बनकर आम भारतीय नागरिक की तरह एक नई जिंदगी शुरू कर सकें।
लेकिन नक्सली संगठनों के नेताओं को यह रास नहीं आया। उनकी पकड़ कमजोर हो रही थी, और इसी बौखलाहट में उन्होंने इस कायराना हरकत को अंजाम दिया। इस हमले में 10 वीर जवानों का बलिदान हुआ, जो नक्सलियों के खिलाफ संघर्ष की एक बड़ी कीमत है। घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए विधानसभा अध्यक्ष रमन सिंह ने कहा कि नक्सली ऐसे कायराना हमलों से सरकार को डराने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन छत्तीसगढ़ सरकार न तो डरेगी और न ही झुकेगी। उन्होंने कहा कि नक्सलियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई और तेज की जाएगी।
यह हमला एक स्पष्ट संकेत है कि नक्सलियों का नेटवर्क कमजोर हो रहा है, और वे अपनी जमीन बचाने के लिए इस तरह के हिंसक कदम उठा रहे हैं। लेकिन सरकार और सुरक्षा बल नक्सलवाद को खत्म करने के अपने मिशन पर मजबूती से डटे हुए हैं। शहीद जवानों की शहादत ने यह साबित कर दिया है कि देश की रक्षा के लिए हमारे वीर सपूत हर बलिदान देने को तैयार हैं। अब यह सरकार की जिम्मेदारी है कि इस बलिदान को व्यर्थ न जाने दे और नक्सलवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई को निर्णायक अंजाम तक पहुंचाए।