नई दिल्ली : 19 मई को लोकसभा चुनाव-2019 के अंतिम चरण के मतदान के बाद जब एक्जिट पोल सभी के सामने आए तो स्थिति साफ होने लगी थी, कि भाजपा फिर से सरकार बनाएगी. वहीं आज रूझानों ने भी यह साफ कर दिया है. फिलहाल देशभर में रूझानों में NDA 350 सीटों पर बढ़त बनाए हुए हैं. लेकिन वो क्या वजह रही जो भाजपा को प्रचंड बहुमत दिलाने में कामयाब रही.
1. राष्ट्रवाद...
इस चुनाव में राष्ट्रवाद भी एक बड़ा मुद्दा रहा. चुनाव के पहले यह माना जा रहा था कि विपक्ष बेरोजगारी, महंगाई और राफेल के सवाल को लेकर भाजपा को दबोच लेगा. लेकिन ऐसा देखने को नहीं मिला. वहीं साल 2018 में कांग्रेस को मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और कर्नाटक आदि राज्यों में सफलता मिली थी, तो कांग्रेस का दवा भी मजबूत दिख रहा था. लेकिन ऐसा नहीं हो सका.
2. मोदी-शाह की जोड़ी...
भाजपा की लगातार दूसरी जीत में सबसे अहम योगदान शाह और मोदी की जोड़ी का रहा. आपको जानकारी के लिए बता दें कि इन दोनों नेताओं ने चाहे भले ही भाजपा पर अपना कब्जा बना लिया हो, लेकिन व्यूह रचना में उनका कोई सानी कोई नहीं दिखता है.
3. कमजोर विपक्षी...
भारतीय जनता पार्टी को मिली इस जीत में जितनी भूमिका नरेंद्र मोदी और अमित शाह की रही, विपक्ष की भूमिका भी इसमें कुछ कम नहीं मानी जाए. एक ओर एनडीए खेमे के सभी घटक दल एकजुट नजर आए तो वहीं दूसरी ओर विपक्षी खेमे में सभी अलग-अलग नजर आ रहे थे. इस दौरान कांग्रेस तो अधिकांश राज्यों में जूनियर पार्टी के रूप में नजर आईं.
4. मजबूत नेता की छवि...
पीएम मोदी को इस बार के चुनाव में सबसे अधिक लाभ इस छवि के कारण मिला कि वे दुनियाभर में मजबूत नेता हैं और जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमले के बाद बालाकोट हमले को उन्होंने जिस तरह से भुनाया वह भी बड़ी बात है.
5. अमित शाह का तोड़ नहीं...
भाजपा के रणनीतिकार और अध्यक्ष अमित शाह की रणनीति एक बार फिर काम कर गई. वहीं लगातार काम, छोटे से छोटे कार्यकर्ताओं से सीधा संपर्क, बेहतर मैनजमेंट, विपक्षी को उसी के मुद्दों पर खूब घेरना यह अमित शाह को भी बखूबी आता है.
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