नई दिल्ली : इस समय देश में हर जगह सिर्फ नोटबंदी को लेकर ही चर्चा हैं. और इससे कोई भी अछूता नही हैं. संसद से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक इसकी गूंज हैं. नोटबंदी को लेकर जहाँ हर दिन जजो के द्वारा सरकार की तरफ से पैरवी करने वाले वकील से सवाल-जवाब हो रहे हैं. ऐसे में कोर्ट द्वारा पुराने नोटों की आवश्यक सेवाओं मे चलन की सीमा बढ़ाने से इंकार करने के फैसले से सरकार ने राहत की सांस ली होगी. सुप्रीम कोर्ट ने ये महत्वपूर्ण फैसला लेने के साथ ही ये भी स्पष्ट कर दिया हैं कि सरकार हर हफ्ते लोगों को बैंकों से 24,000 रुपये दिलाना सुनिश्चित करे और इस व्यवस्था की समय-समय पर समीक्षा करे.
गौरतलब हो कि अब नोटबंदी का मामला कोर्ट ने पांच जजों की बेंच को सौंप दिया हैं. इसके साथ विभिन्न हाईकोर्ट में चल रही नोटबंदी की सुनवाई पर पूर्णतः रोक लगा दी हैं. सुप्रीम कोर्ट ने साफ़ लफ्जो में कहा हैं कि देश की कोई भी और अदालत नोट बंदी मामले की सुनवाई नही करेगी. नोटबंदी के सभी मामले अब सिर्फ सुप्रीम कोर्ट सुनेगा. कोर्ट ने 9 सवाल तैयार किये हैं, जिन पर संवैधानिक पीठ सुनवाई करेगी.