बैंगलोर: कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने पूर्ण बहुमत के साथ शानदार जीत दर्ज की है। हालाँकि, इन सबके बीच कांग्रेस के लिए अभी एक मोर्चे पर पेंच फंसा हुआ है। वो है आखिर कर्नाटक का मुख्यमंत्री कौन होगा? इसको लेकर कांग्रेस पार्टी में निरंतर मंथन चल रहा है। हालांकि, इसको लेकर रविवार (14 मई) शाम को कांग्रेस विधायक दल की मीटिंग भी हुई। जिसमें पार्टी के सभी नवनिर्वाचित 135 विधायक शामिल हुए।
सीएम के नाम पर मुहर लगाने के लिए कांग्रेस के विधायकों ने वोटिंग की। विधायकों में किसी ने डीके शिवकुमार, किसी ने सिद्धारमैया, तो किसी ने कांग्रेस सुप्रीमो मल्लिकार्जुन खड़गे, किसी ने लिंगायत नेता एमबी पाटिल के नाम का सुझाव दिया। वहीं, कुछ विधायकों ने कांग्रेस हाईकमान पर फैसला छोड़ दिया, मगर इन सबके बीच अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि आखिर कर्नाटक का किंग कौन होगा? इन सबके बीच कांग्रेस के पर्यवेक्षक भवर जितेंद्र सिंह ने कहा कि सभी विधायकों से सलाह-मशवरा लिया गया है। हम अब दिल्ली जा रहे हैं, हम रिपोर्ट बनाकर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष अध्यक्ष को पेश करेंगे। विधायक दल का नेता कौन होगा, इस पर अध्यक्ष फैसला लेंगे।
वहीं, सूत्रों के अनुसार, इस बीच एक बड़ी खबर यह भी निकल के सामने आ रही है कि कर्नाटक के पूर्व सीएम और कांग्रेस के दिग्गज नेता सिद्धारमैया ने सत्ता में साझेदारी का बड़ा सुझाव दिया है। उन्होंने कहा कि पहले दो वर्ष उन्हें सीएम बनाया जाए और उसके बाद तीन साल के लिए डीके शिवकुमार को मुख्यमंत्री पद सौंपा जाए। सिद्धारमैया ने अपनी उम्र का हवाला भी दिया है। उन्होंने आगे कहा कि वह उम्रदराज हैं, इसलिए वे कम से कम 2024 के लोकसभा चुनावों तक पहले चरण में सरकार का संचालन करना चाहते हैं।’ हालांकि, डीके शिवकुमार ने सिद्धारमैया के इस फॉर्मूले को राजस्थान और छत्तीसगढ़ का हवाला देते हुए नकार दिया है।