करियर क्षेत्र से जुड़े लोगों की नौकरी ही उनकी आय का मुख्य स्रोत होती है। इसलिए इसमें यदि किसी तरह की बाधा आती है तो फिर उनका आर्थिक जीवन भी प्रभावित होता है। सार्वजनिक क्षेत्र अथवा निजी क्षेत्र में कार्य करने वाले लोगों के करियर जीवन में उतार-चढ़ाव आना लाजमी है। परन्तु यदि ये उतार-चढ़ाव बहुत ही तेजी और नियमित रूप से आ रहे हैं तो समझिए कुंडली में ग्रह नक्षत्र की स्थिति अनुकूल नहीं है। यहां उतार-चढ़ाव का आशय बार-बार नौकरी का छूटना या तबादला होना है। आर्थिक जीवन में धन की कमी बने रहना आदि।
करियर-प्रोफेशन के लिए कुंडली में भाव
वैदिक ज्योतिष के मुताबिक कुंडली में दसवां भाव करियर का भाव कहलाता है। इसके अलावा तीसरा भाव हमारे प्रयासों का भाव होता है जबकि छठा भाव कंपटीशन को दर्शाता है। अगर कुंडली में ये तीनों भावों की स्थिति शुभ है तो व्यक्ति अपने कार्यक्षेत्र में खूब तरक्की करता है। वहीं कमजोर होने पर उसे करियर क्षेत्र में परेशानियां आती हैं।
धन, आमदनी. सेविंग्स के लिए कुंडली में भाव
कुंडली में दूसरा भाव धन के लिए होता है। इस भाव से कुंडली में धन की बचत को देखा जाता है। इसके साथ ही कुंडली का ग्यारहवां घर आमदनी और लाभ का भाव होता है। वहीं बारहवां भाव खर्च को दर्शाता है। ये तीनों भाव धन से संबंधित हैं। यदि कुंडली में ये तीनों भाव मजबूत हैं तो व्यक्ति का आर्थिक जीवन खुशहाल रहता है।
ज्योतिष में करियर और धन से संबंधित उपाय
कुंडली के दूसरे भाव में जो राशि है उसके स्वामी ग्रह की शांति के उपाय करें।
कुंडली में तृतीय घर में राशि बैठी है उसके मालिक ग्रह की शांति करें।
दशम भाव में स्थित राशि के स्वामी ग्रह को बलवान करें।
एकादश भाव में बैठी राशि के स्वामी ग्रह को मजबूत बनाएं।
बाहरवें भाव को प्रबल करें। इसके लिए इस भाव के स्वामी ग्रह को बली बनाएं।
साथ ही दूसरे, तीसरे, दसवें, ग्यारहवें और बारहवें भावों में बैठे ग्रहों को भी मजबूत करें।
सरकारी नौकरी दिलाने में होता है इस बलवान ग्रह का योगदान, दौलत और समृद्धि पाने के उपाय