अगर आपको लगता है कि शायद ही कभी कोई परफेक्ट दिन आएगा, तो ये जान लें कि दिन को परफेक्ट बनाना आपके ही हाथ में है. पहले आप खुद के साथ ईमानदार होकर यह तय करें कि आपके लिए परफेक्ट दिन के मायने क्या हैं. और फिर देखियेगा कि हर दिन परफेक्ट लगने लगेगा.
1-रोज सुबह उठकर तीन सबसे जरूरी कामों की लिस्ट बनाएं. उन कामों की एक अलग लिस्ट बनाएं, जिन्हें आप दिन में करना चाहते. इसके बाद इस सूची में से कुछ कम जरूरी और दिनचर्या में दखल देने वाले काम हटा दें. लिस्ट में कुल मिलाकर काम पांच से सात तक होने चाहिए. इस बात को ध्यान रखें कि आप सब कुछ एक दिन में नहीं कर सकते हैं.
2-सारा दिन हड़बड़ी में भागते रहने के बजाय धोड़ा धीमा हो जाएं. अगर आप बेसुध होकर एक के बाद एक काम नहीं करेंगे, तो ऐसा नहीं है कि जिंदगी उसी पल थम जाएगी. आपके पास वक्त है, थोड़ा रूकें, मुस्कुराएं और एक काम खत्म करके आराम से पूरा ध्यान लगाकर दूसरा काम शुरू करें.
3-मल्टी टास्किंग के चक्कर में अकसर काम बिगड़ जाता हैं, इसलिये इसे बंद करें. हालांकि शुरूआत में ऐसा करना थोड़ा मुश्किल होता है, इसका धीरे-धीरे अभ्यास करें. भले ही आपके दिमाग में दूसका काम चल रहा हो, लेकिन हाथों को एक ही काम तक सीमित रखें. इससे आप दिमाग को शांत रखते हुए बेहतर काम कर पाएंगे.