नई दिल्ली: समुद्री अभ्यास मालाबार 2024 8 से 18 अक्टूबर तक आयोजित किया जाएगा, जिसकी शुरुआत विशाखापत्तनम में बंदरगाह चरण से होगी, उसके बाद समुद्री चरण होगा। भारत की मेजबानी में आयोजित इस बहुपक्षीय नौसैनिक अभ्यास में इस साल ऑस्ट्रेलिया, जापान और अमेरिका की सक्रिय भागीदारी होगी।
1992 में अमेरिका और भारतीय नौसेनाओं के बीच द्विपक्षीय अभ्यास के रूप में शुरू किया गया मालाबार अभ्यास अब एक महत्वपूर्ण मंच बन गया है जिसका उद्देश्य समुद्री सहयोग को बढ़ाना, आपसी समझ को बढ़ावा देना और हिंद महासागर और हिंद-प्रशांत क्षेत्रों में साझा चुनौतियों का समाधान करना है। भारतीय नौसेना निर्देशित मिसाइल विध्वंसक, फ्रिगेट, पनडुब्बियों और विमानों सहित कई तरह के प्लेटफॉर्म तैनात करेगी, जबकि ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और जापान युद्धपोत, हेलीकॉप्टर और समुद्री गश्ती विमान प्रदान करेंगे। सभी चार देशों के विशेष बल भी अभ्यास में शामिल होंगे। मालाबार 2024 का फोकस विभिन्न ऑपरेशनों के माध्यम से अंतर-संचालन क्षमता में सुधार लाने पर होगा, जिसमें पनडुब्बी रोधी युद्ध, वायु रक्षा और सतही युद्ध शामिल हैं।
9 अक्टूबर को एक विशिष्ट आगंतुक दिवस निर्धारित किया गया है, जिसमें वाइस एडमिरल राजेश पेंढारकर भाग लेने वाले देशों के प्रतिनिधिमंडलों की मेजबानी करेंगे। हार्बर चरण के दौरान एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस भी होगी, जिसमें अभ्यास के बारे में जानकारी दी जाएगी। इस साल का कार्यक्रम अब तक का सबसे व्यापक होने का वादा करता है, जिसमें समुद्र में जटिल परिचालन परिदृश्यों को दिखाया जाएगा।
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