कुआलालंपुर: भड़काऊ भाषण देने की वजह से भगोड़े इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाईक के सावर्जनिक रूप से बयानबाजी करने पर मलेशिया में बैन लगा दिया गया है. इसके बाद पहली बार मलेशिया के पीएम डॉ महाथिर मोहम्मद ने इस मसले पर अपने विचार जाहिर किए हैं. मलेशियाई मीडिया के अनुसार जब उनसे पूछा गया कि जाकिर नाईक को भारत वापस भेजा जा सकता है तो उन्होंने जवाब दिया कि, ''अधिकांश देश उसे नहीं चाहते. मैं पीएम मोदी से भी मिला था, उन्होंने भी नाईक के संबंध में बात नहीं की. ये शख्स भारत के लिए भी परेशानी का सबब बन सकता है.''
इसके साथ ही मलेशियाई पीएम डॉ महाथिर ने कहा कि, ''जाकिर नाईक इस देश का नागरिक नहीं है. पूर्व की सरकार ने उसको यहां का परमानेंट स्टेटस दिया था. ऐसे लोगों से देश की व्यवस्था या सियासत पर टिप्पणी करने की अपेक्षा नहीं की जाती. उसने इसका उल्लंघन किया. इस वजह से उसके बोलने पर पाबंदी लगा दी गई.''
भारत से भागकर मलेशिया में रह रहे विवादित इस्लामी उपदेशक जाकिर नाईक ने हाल ही में मलेशिया के मुस्लिम बहुल होने के बाद भी हिंदुओं के पास काफी सारे अधिकार होने की बात कही थी. जाकिर ने कहा था कि मलेशिया में हिंदुओं को भारत में अल्पसंख्यक मुस्लिमों के अनुपात में 100 गुना ज्यादा अधिकार मिले हैं. इस नस्लीय टिप्पणी का भारतीय समुदाय ने कड़ा विरोध जताया था.
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