नई दिल्ली: विवादित इस्लामी प्रचारक जाकिर नाइक ने मालदीव जाने का प्रयास किया था, किन्तु उसे कामयाबी नहीं मिल पाई थी. मालदीव सरकार ने उसे अपने देश में आने की अनुमति नहीं दी थी. मालदीव संसद के स्पीकर एम नशीद ने इस बारे में जानकारी दी है. मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि उन्होंने कहा, 2009 में हमने जाकिर नाइक आने की अनुमति दी थी, उस समय उन्हें लेकर कोई विवाद नहीं था.
उन्होंने कहा कि, हाल ही उन्होंने फिर वीजा लेने की कोशिश की थी, किन्तु सरकार ने उन्हें प्रवेश देने से मना कर दिया. हम उन उपदेशकों को पंसद करते हैं जो अच्छा इस्लाम सिखाते हैं, किन्तु यदि आप नफरत फैलाते हैं तो हम इसकी अनुमति नहीं दे सकते. बता दें ढाका के होली आर्टिसन बेकरी में जुलाई 2016 में हुए आतंकी हमले में जाकिर नाइक का नाम आने के बाद आतंकवाद से सम्बंधित गंभीर आरोपों के सिलसिले में उसे भारत में वांछित घोषित किया गया था. नाइक एक भगोड़ा है और उसने मलेशिया में पनाह ली है.
विवादास्पद पीस टीवी के संस्थापक 53 साल के नाइक का जन्म मुंबई में हुआ था. यहां से भागने के बाद वह 2017 से मलेशिया में रह रहा है और मलेशिया की पिछली सरकार ने जाकिर स्थायी निवासी भी बनाया हुआ है. वर्तमान मलेशियाई सरकार ने अब तक उसे भारत वापस भेजने का निर्णय नहीं लिया है, किन्तु उसे अपने सार्वजनिक भाषण देने से रोक दिया है.
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